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ईपीएफ के लिए सड़क पर उतरे सफाई कर्मचारी-2014 से नहीं जमा हुई राशि
डिजिटल डेस्क उमरिया । नगर पालिका उमरिया में कार्यरत कर्मचारियों ने ईपीफ की मांग पर कार्य का बहिष्कार कर दिया। कार्यालय पहुंचकर वेतन से काटी गई राशि खाते में जमा करने की मांग करने लगे। नियमानुसार सालों से कार्यरत कर्मचारियों को नियमितीकरण अविलंब करने प्रदर्शन किया। कलेक्टर ने बांधवगढ़ एसडीएम ऋषि पवार, तहसीलदार भागीरथी लहरे को निराकरण के लिए मौके पर रवाना किया। सीएमओ देवेन्द्र सिंह सहित सभी ने मिलकर ईपीएफ राशि जमा करने की कार्रवाई शुरू की। प्राथमिक जानकारी अनुसार 90 लाख से अधिक की राशि नपा ने जमा नहीं की थी।
गुरुवार सुबह नगर पालिका कार्यालय पहुंचे सफाई कामगारों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया था। तीन साल से उनके खाने में शादी विवाह, सामाजिक व अन्य कार्यों के लिए उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। इस संबंध में कर्मचारियों ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयेाग से भी शिकायत की थी। मामले में कलेक्टर ने सीएमओ को कार्रवाई के लिए निर्देश दिये। लंबा अरसा बीतने के बाद कार्रवाई न होने से कर्मचारियों के सब्र का बांध फूट पड़ा और काम छोड़ कार्यालय के बाहर विरोध पर उतारू हो गये। कलेक्टर ने एक टीम गठित कर अविलंब ईपीएफ राशि उनके खाते में जमा कराने की व्यवस्था की। तब जाकर कर्मचारी शांत हुये।
लगेगा जुर्माना
जानकारी के मुताबिक 2014 से इन कर्मचारियों के वेतन से नियमानुसार अनुदान राशि काटी जा रही थी जबकि नगर पालिका की तरफ से शामिल अंशदान जमा नहीं किया गया। बताया जाता है कर्मचारियों का पैसा दूसरे मद में रखा गया है। जाहिर है तीन साल से उक्त रकम की ब्याज का लाभ आखिर कौन उठा रहा है। मामले में संलिप्त अधिकारी व बाबू के विरुद्ध उच्च कार्यालय द्वारा जुर्माना भी तय किया जायेगा।
इनका कहना है-
कलेक्टर के निर्देश पर हम कर्मचारियों के ईपीएफ की जांच कर रहे हैं। गणना अनुसार यह राशि 90 लाख से अधिक है। प्राथमिकता के साथ यह राशि कर्मचारियों के खाते में उक्त मद से जल्द जमा कराई जायेगी।
ऋषि पवार, एसडीएम बांधवगढ़।
Created On :   29 Dec 2017 1:31 PM IST