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प्रदेश में नहीं हो रहा मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल, किसान संगठनों का आरोप
दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के सवा 2 करोड़ की लागत से हुए 28 घंटे के उपवास के बाद भी प्रदेश के किसानों की लूट में कोई कमी नहीं आई है. बीते 2 सप्ताह में 21 किसान आत्महत्या कर चुके है, इनमें मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र बुधनी के किसान भी शामिल है.
मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि किसानों को उनकी फसल का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की घोषणा भी धोखा साबित हुई है. प्याज उत्पादक किसानों की लूट के बाद अब मूंग उत्पादक किसानों की लूट भी शुरू हो गई है. किसी भी फसल की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार नहीं हो रही है और न ही मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार व्यापारी पर एफआईआर दर्ज हो रही है.
मुख्यमंत्री की वादा खिलाफी और किसानों की लूट के विरोध के साथ ही मंदसौर के किसानों की हत्या के दोषियों को सजा दिलाने, पशु क्रय बिक्रय पर लगी रोक को हटाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और किसानों के सारे कर्ज माफ करने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश भर में सक्रिय विभिन्न किसान संगठनों की ओर से 27 जून को मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
इसमें अधिकतम किसान संगठनों को शामिल किया जाएगा. अभी तक नर्मदा बचाओ आंदोलन, किसान मजदूर संघर्ष समिति, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, टोको रोको ठोको क्रांतिकारी मोर्चा, अखिल भारतीय किसान सभा सहित दो दर्जन से ज्यादा संगठनों की सहमति प्राप्त हो चुकी है
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए 27 जून को प्रात: 10 बजे किसान सभा कार्यालय 13 बी, बीटीआर भवन, पदमनाभ नगर भोपाल में सभी संगठनों के प्रतिनिधि एकत्रित होंगे और ज्ञापन सौंपने के लिए मुख्यमंत्री निवास की ओर रवाना होंगे.
Created On :   23 Jun 2017 2:23 PM IST