वादे के अनुसार सीएम शिवराज समर्थन मूल्य पर खरीदी करें : अजय सिंह

Congress leader Ajay singh comment on CM shivraj singh
वादे के अनुसार सीएम शिवराज समर्थन मूल्य पर खरीदी करें : अजय सिंह
वादे के अनुसार सीएम शिवराज समर्थन मूल्य पर खरीदी करें : अजय सिंह

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि वे किसानों से किए गए वादे को निभाएं और सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर करें। उन्होंने कहा कि भावान्तर योजना किसानों के साथ छलावा है। अजय सिंह ने कर्ज माफ करने, बिजली के बिल माफ करने और किसानों को बोनस देने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से वे तत्काल सूखे की भयावह स्थिति से निपटने के लिए राहत राशि देने की मांग करे, इसके लिए अगर मुख्यमंत्री धरने या उपवास पर बैठेंगे तो वे भी उनके साथ उपस्थित रहेंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज प्रदेश के तीन चौथाई से अधिक जिलों में सूखे के हालात हैं, अभी तक सरकार ने एक भी जिला न तो सूखा घोषित किया है और न अभी तक किसी भी तरह की राहत का एलान नहीं किया है। पिछले एक माह में 21 किसानों ने आत्महत्या की हैं जिसमें कल ही मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में किसान ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। सागर और दमोह के 2 किसानों ने आत्महत्या का प्रयास किया। यह स्थिति बताती है कि सूखे के हालात प्रदेश में भयावह हो गए हैं और सरकार अभी भी सिर्फ बैठकें, समीक्षा और निर्देशों से सूखे का मुकाबला कर रही है।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय हायतौबा मचाने वाले मुख्यमंत्री केंद्र से सूखे से निपटने के लिए और किसानों को राहत देने के मामले पर अभी तक किसी भी प्रकार के मेमोरेडम या रिपोर्ट देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 जून 2017 को शाजापुर, उज्जैन में कहा था कि चाहे सरकार का खजाना लुट जाए पर प्रदेश में अब सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह वादा करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भूल गए। उन्होंने किसानों को छलने के लिए एक नया शिगुफा भावान्तर योजना शुरू की है जो कि किसानों को छलने का प्रयास है। इस योजना से किसानों को कोई राहत नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कोई ठोस कदम न उठाने से किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

अजय सिंह ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण पिछले 127 दिनों में 117 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें 14 किसान मुख्यमंत्री के गृहजिले में ही आत्महत्या कर चुके हैं। 19 किसानों ने आत्महत्या का प्रयास किया है। हर डेढ़ दिन में प्रदेश का एक किसान आत्महत्या कर रहा है। यह स्थिति बताती हैं कि किसान टूट चुका है। किसानों के साथ पिछले 14 साल से भाजपा सरकार जो छलावा कर रही है, उसका कारण है कि आज किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है। हताश हैं और असहाय हैं। सरकार के कृषि विकास को लेकर किए गए सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं।

Created On :   2 Oct 2017 7:10 PM IST

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