'आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा, कर्ज़ माफी और नौकरी दे सरकार'

congress leader ajay singh Speak against bjp government
'आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा, कर्ज़ माफी और नौकरी दे सरकार'
'आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा, कर्ज़ माफी और नौकरी दे सरकार'

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पिछले चार माह में आत्महत्या करने वाले 124 किसानों के कर्ज़ माफ करने उनके परिजनों को 5 लाख मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ में किसानों को नंगा करने के मामले में सरकार ने अब तक कोई कार्यवाही नही की यह शर्मनाक है। उन्होंने सीएम से मांग की है कि वे प्रदेश के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों के किसानों के लिए विशेष पैकेज घोषित करें।

 अजय सिंह ने कहा कि जून में मंदसौर के पिपल्या मंडी में किसानों की छाती पर गोली चलाने से 6 किसानों की मृत्यु होने के बाद प्रतिदिन एक किसान आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि 124 दिन में 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं और 19 आत्महत्या का प्रयास एक किसानों ने इच्छा मृत्यु मांगी है। सीएम के गृह जिले में ही 15 किसानों ने आत्महत्या की है। यह हालात बताते है कि प्रदेश का किसान कितना बेबस है। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ की घटना बताती है कि एक किसान पुत्र सीएम के होते हुए किसानों के साथ किस तरह बर्ताव हो रहा है। घटना के एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी किसानों के कपड़े उतरवाने वाले लोग कुतर्क करते हुए घूम रहे हैं। उन्होंने कहा जांच के नाम पर पुलिस किसानों को अपराधी बनाने में जुटी है। प्रदेश का गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार चौहान इससे पहले सीएम किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस और नंगा करने वाले किसानों को अपराधी घोषित कर चुके हैं।

पीएम और रेल मंत्री का बयान भारतीय जनता से मजाक

 अजय सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बयानों को भारतीय जनता द्वारा व्यक्त आस्था का अपमान और उनके साथ मजाक बताया है, उन्होंने कहा कि इसे ही कहते हैं आस्था का अपमान। अजय सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के लिए भले ही 15 दिन पहले दिवाली आ गई हों लेकिन देश की जनता उनके आर्थिक फैसलों से दिवाली जो भारत देश के बहुसंख्यकों का सबसे उत्साहपूर्ण त्यौहार है उसे मायूसी से मनाने पर मजबूर हो गई है। व्यापारी हताश हो गया है। जीएसटी में दी गई राहत ऊंट में मुंह में जीरा है। इससे देश के आर्थिक हालातों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

 

Created On :   8 Oct 2017 6:59 PM IST

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