जयपुर: प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल ट्रीटमेन्ट एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट के मध्य हुआ अनुबन्ध बिठुजा सीईटीपी में संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र का होगा निर्माण

जयपुर: प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल ट्रीटमेन्ट एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट के मध्य हुआ अनुबन्ध बिठुजा सीईटीपी में संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र का होगा निर्माण
जयपुर: प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल ट्रीटमेन्ट एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट के मध्य हुआ अनुबन्ध बिठुजा सीईटीपी में संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र का होगा निर्माण

डिजिटल डेस्क, जयपुर। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल ट्रीटमेन्ट एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट के मध्य हुआ अनुबन्ध बिठुजा सीईटीपी में संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र का होगा निर्माण राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं बालोतरा वाटर पोल्यूशन कन्ट्रोल ट्रीटमेन्ट एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन ट्रस्ट के मध्य बिठुजा सीईटीपी में 500 के एलडी क्षमता संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र के निर्माण हेतु अनुबन्ध निष्पादित किया गया। यह जानकारी देते हुए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष श्री पवन कुमार गोयल ने बताया कि संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र परियोजना में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से लागत का 80 प्रतिशत आर्थिक अनुदान दिया जायेगा एवं शेष 20 प्रतिशत सीईटीपी ट्रस्ट द्वारा वहन किया जायेगा इस परियोजना हेतु पर्यावरण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में बाड़मेर जिले के बिठूजा क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले उच्छिष्ठ से कास्टिक की रिकवरी हेतु पायलट स्तर पर संयंत्र की स्थापना किये जाने की घोषणा की गई थी। 500 केएलडी संयुक्त कास्टिक रिकवरी संयंत्र निर्माण परियोजना की कुल लागत रूपये 7.20 करोड़ है। श्री गोयल ने इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार हमेशा उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु तत्पर रही है। इस परियोजना से बिठुजा सीईटीपी में आने वाले उच्छिष्ठ में कास्टिक की मात्रा को रिकवर किया जायेगा, जो पुनः उपयोग में लिया जायेगा जिससे सीईटीपी पर पंहुचने वाले कुल प्रदूषण भार में कमी होगी, परिणाम स्वरूप उपचारित उच्छिष्ठ की गुणवत्ता में और सुधार होगा एवं सीईटीपी से उपचारित पानी को भी पुनः उपयोग में लिया जा सकेगा। संयुक्त रूप से बनाये जाने वाला देश का संभवतः यह प्रथम कास्टिक रिकवरी संयंत्र है।

Created On :   14 Oct 2020 2:55 PM IST

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