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NEET : MP के युवाओं का हक मारकर बाहरी लोगों को मिला दाखिला
डिजिटल डेस्क, भोपाल। NEET परीक्षा शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है। पहले MP के बाहर के छात्रों के दो दो मूल निवासी प्रमाण पत्र का मामला आया, जिसे MP की कोर कमिटी सदस्य विनायक परिहार ने कोर्ट में लड़ा और MP के युवाओं को उसका हक़ दिलाया। इसके बावजूद भी NEET में हो रहे घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में पुन: कॉउंसलिंग कराने में भी बड़ा घोटाला हुआ है।
2 दिन पूर्व अंतिम राउंड की कॉउंसलिंग में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। विचार MP के कोर कमिटी सदस्य गिरिजा शंकर शर्मा, पारस सकलेचा, विजय वाते, विनायक परिहार और अक्षय हुँका ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कॉउंसलिंग के अंतिम चरण में पुन: MP के युवाओं को ठगा गया। अंतिम चरण की कॉउंसलिंग में MP के युवाओं को दरकिनार करके बाहर के 94 छात्रों को एमबीबीएस की सीट अलॉट कर दी गयी हैं।
पहले चरणों की अलॉटमेंट लिस्ट कॉउंसलिंग समाप्त होने के तुरंत बाद डीएमई की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती हैं लेकिन अंतिम राउंड के 2 दिन बाद भी अलॉटमेंट लिस्ट जारी नहीं की गयी है, जो साफ दर्शाता है कि इसमें गड़बड़ करने की कोशिश की जाती रही है। साथ ही अंतिम राउंड की कॉउंसलिंग के बाद छात्रों का मुख्यमंत्री निवास को घेरना स्पष्ट संदेश देता है कि MP के युवाओं को MP की सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।
विचार MP ने मांग की है कि अंतिम राउंड की अलॉटमेंट लिस्ट तुरंत डीएमई वेबसाइट पर अपलोड की जाए। NEET के पूरे घटनाक्रम पर सरकार को श्वेतपत्र जारी कर बताये कि आखिर क्यों छात्रों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने की ज़रूरत पड़ी और क्यों कॉउंसलिंग के दिन मुख्यमंत्री निवास के घेराव की ज़रूरत पड़ी। NEET में सीट बंटवारे में हुई गड़बड़ की जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए।
Created On :   12 Sept 2017 8:46 PM IST