तेंदुओं के साथ मगरमच्छ भी बने रहे चुनौती

Crocodiles remain a challenge along with leopards
तेंदुओं के साथ मगरमच्छ भी बने रहे चुनौती
दो वर्ष बाद पर्यटन क्षेत्रों में वापस लौटी रौनक  तेंदुओं के साथ मगरमच्छ भी बने रहे चुनौती

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। वर्ष 2022 वन विभाग के लिए साधारण ही रहा। लेकिन पर्यावरण और वाइल्ड लाइफ के लिहाज से ये वर्ष काफी फायदेमंद साबित हुआ। क्योंकि तेंदुओं के साथ मगरमच्छों की संख्या में इजाफा हुआ। यही वजह रही कि तेंदुए और मगरमच्छों का मूवमेंट आबादी से लगे इलाकों में लगातार होता रहा। पहले डुमना, पचपेढ़ी, ठाकुरताल, नयागाँव जैसे क्षेत्रों में तेंदुए पहुँचते थे, लेकिन इस वर्ष न्यू शोभापुर, व्हीएफजे समेत कई नई जगहों पर तेंदुओं का मूवमेंट देखा गया। जिसके कारण वन विभाग की रेस्क्यू टीमें आबादी से लगे इलाकों में तेंदुए और मगरमच्छों की धरपकड़ के लिए वर्ष भर परेशान होती रहीं।

ठाकुरताल में इस साल भी नहीं शुरू हो सका नगर वन

शहर के करीब नेशनल पार्क जैसा लुत्फ दिलाने के लिए वन विभाग द्वारा ठाकुरताल की पहाड़ियों में नगर वन प्रोजेक्ट का काम तो पूरा कर लिया गया, लेकिन पर्यटकों के लिए इसे इस वर्ष भी  खोला नहीं जा सका। वन विभाग के साथ शहरवासियों को अब 2023 में नगर वन के लोकापर्ण की उम्मीद है। 

दो वर्ष बाद पर्यटन क्षेत्रों में वापस लौटी रौनक 

कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 और 2021 में पर्यटन से जुड़ी ज्यादातर गतिविधियाँ ठप्प ही पड़ी रहीं। लेकिन हालात सुधरने और नियमों की पाबंदी हटने पर दो वर्ष बाद  2022 में पर्यटन का बाजार गुलजार हुआ। कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना समेत जबलपुर रीजन के सभी नेशनल पार्कों में देश-विदेश से पर्यटक पहुँचे। जबलपुर में भी बरगी, भेड़ाघाट के साथ आसपास के सभी टूरिस्ट प्लेसेस में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी जिसके कारण पर्यटन के व्यापार से जुड़े लोगों को घाटे से उबरने का मौका मिला। 

Created On :   23 Dec 2022 8:02 AM GMT

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