वेट खत्म होने के बावजूद इसकी सेवाएं लोक सेवा गारंटी में डाली

Despite the vat loss, its services cast in lok seva Guarantee
वेट खत्म होने के बावजूद इसकी सेवाएं लोक सेवा गारंटी में डाली
वेट खत्म होने के बावजूद इसकी सेवाएं लोक सेवा गारंटी में डाली

डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार का एक नया कारनामा सामने आया है। वेट कानून के तहत होने वाली सभी गतिविधियां खत्म होने तथा वेट कानून में पंजीकृत व्यापारियों द्वारा जीएसटी कानून के तहत पंजीयन कराने के बावजूद अब प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत वेट अधिनियम अधिनियम के तहत पंजीयन लोक सेवा गारंटी कानून के तहत शामिल किया गया है। राज्य के लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने मप्र लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत वाणिज्यिक कर विभाग की यह सेवा अधिसूचित कर दी है।

लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा वेट अधिनियम के तहत पंजीयन कराने की सेवा को लोक सेवा गारंटी के तहत लाए जाने की अधिसूचना जारी की गई है जबकि 20 लाख रुपए सालाना से ज्यादा टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए जीएसटी का पंजीयन लेना अनिवार्य है। अधिसूचना में कहा गया है कि वेट पंजीयन हेतु आवेदन किए जाने पर इसका प्रदाय वाणिज्यिक कर विभाग का संबंधित वृत्त अधिकारी एक कार्य दिवस में करेगा। यदि यहां पंजीयन नहीं मिलता है तो संबंधित संभागीय वाणिज्यिक कर उपायुक्त के समक्ष प्रथम अपील की जा सकेगी जहां पर पुन: एक दिवस में पंजीयन दिया जाएगा। यदि यहां भी पंजीयन नहीं मिलता है तो द्वितीय अपील संबंधित अपर वाणिज्यिक कर आयुक्त के समक्ष की जा सकेगी।

लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने वृत्ति कर अधिनियम के तहत पंजीयन भी लोक सेवा गारंटी कानून के तहत अधिसूचित किया है। यह सेवा तो वर्तमान में जरुर लोकोपयोगी है। वृत्ति कर के तहत पंजीयन वे कंपनी या फर्म या शासकीय निकाय कराते हैं जहां अनेक कर्मी सेवारत हैं तथा उनके वेतन से वृत्ति कर काटा जाता है। इसके कर्मी सीधी पेजीयन नहीं कराते हैं बल्कि उन्हें नियुक्त करने वाले प्राधिकारी पंजीयन करते हैं क्योंकि उन्हें ही कर्मी के वेतन से वृत्ति कर काटकर सरकार के खजाने में जमा करना होता है। वृत्ति कर के पंजीयन के लिये भी आवेदन किए जाने पर इसका प्रदाय वाणिज्यिक कर विभाग का संबंधित वृत्त अधिकारी एक कार्य दिवस में करेगा। यदि यहां पंजीयन नहीं मिलता है तो संबंधित संभागीय वाणिज्यिक कर उपायुक्त के समक्ष प्रथम अपील की जा सकेगी जहां पर पुन: एक दिवस में पंजीयन दिया जाएगा। यदि यहां भी पंजीयन नहीं मिलता है तो द्वितीय अपील संबंधित अपर वाणिज्यिक कर आयुक्त के समक्ष की जा सकेगी।


वाणिज्यिक कर विभाग उप सचिव एसडी रिछारिया का कहना है कि जीएसटी लागू होने के पहले यह फाइल चली थी ,परन्तु अब जीएसटी लागू होने से वेट कानून के तहत होने वाली गतिविधियां समाप्त हो गई हैं। यह फाइल जरुर लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने ओके कर वेट पंजीयन की सेवाएं लोक सेवा गारंटी कानून के तहत कर दी हों, परन्तु अब इस सेवा की कोई जरुरत नहीं रह गई है।

Created On :   18 Nov 2017 11:48 AM IST

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