50 गांव के लोग इलाज के लिए मोहताज ; डॉक्टर रहते हैं हमेशा नदारद

doctors keeps absent as villegers look for treatment in umaria
50 गांव के लोग इलाज के लिए मोहताज ; डॉक्टर रहते हैं हमेशा नदारद
50 गांव के लोग इलाज के लिए मोहताज ; डॉक्टर रहते हैं हमेशा नदारद

डिजिटल डेस्क उमरिया। चंदिया तहसील मुख्यालय से तकरीबन 35 किमी. दूर नक्सल संभावित क्षेत्र बिलासपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में
50 गांवों के ग्रामीण निर्भर हैं। इसके बावजूद यहां पदस्थ डॉक्टर हमेशा नदारत रहते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आखिरी बार डॉक्टर साहब के दर्शन 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के दौरान ध्वजारोहण के अवसर पर हुआ था। तब से हफ्ताभर गुजर गये पर आज भी लोग साहब के दर्शन के लिए तरस रहे हैं। डॉक्टर के अभाव में पुरूष अलिपिकीय कर्मचारी ड्रेसर ओमप्रकाश से इलाज करवा रहे हैं। हालांकि कार्यरत कर्मचारी हॉस्पिटल में नियमित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा करते हैं।

आयुष के डॉक्टर, एलोपैथी इलाज

कार्यरत ड्रेसर ने बताया कि हमारे यहां स्वास्थ्य विभाग का पर्याप्त स्टॉफ है। एक एनएम राधा पटेल, सपोर्ट स्टॉफ विनीय त्रिपाठी, डॉक्टर के रूप में पटेल और स्वीपर के रूप में रज्जन चौधरी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि दोपहर करीब 2 बजे परिसर में महज एएनएम और कुर्सी से गायब ड्रेसर ही मिला। पंचायत के सरपंच पति लल्ला कोल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया डॉक्टर साहब कभी कभार ही यहां आते हैं। हम लोग अक्सर इलाज के लिए उनका इंतजार करते हैं। उनकी अनुपस्थिति में मजबूरन ड्रेसर और अन्य स्टाफ के भरोसे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। जानकारी अनुसार पदस्थ डॉक्टर पटेल आयुष विभाग के हैं।

उपस्वास्थ्य केन्द्र में भी दमतोड़ रही सफाई

5 बेड वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर के अलावा उपस्वास्थ्य केन्द्र भी यहीं संचालित है। ग्रामीण लोगों को तत्कालीन स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराने के लिए दोनों ही स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। परिसर में महिला डिलेवरी पाइंट भी है। वर्तमान में  औसतन 35-40 ओपीडी और 2-3 प्रतिदिन इनडोर मरीज स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। इसके बावजूद परिसर में साफ-सफाई का अभाव बना हुआ है। दोनों इमारत ठीक-ठाक स्थिति में हैं लेकिन भीतर सामान कबाड़ की भांति अव्यवस्थित फैला हुआ है। यही नहीं रिक्त पड़े भवन के आसपास बड़ी-बड़ी घास उग चुकी है। निस्तार का पानी गड्ढों में कई दिनों से भरा हुआ है। सफाई के अभाव में मच्छर मक्खियां मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। बावजूद इसके हॉस्पिटल में पदस्थ कर्मचारी सब कुछ ठीक होने का दावा करते हैं। बताया गया कि बिलासपुर केन्द्र में तकरीबन 50 से अधिक गांव के लोग इलाज कराने पहुंचते हैं।
 

Created On :   24 Aug 2017 7:51 PM IST

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