तीन एकड़ की वन जमीन पर हुआ अतिक्रमण

Encroachment on three acres of forest land
तीन एकड़ की वन जमीन पर हुआ अतिक्रमण
वर्धा तीन एकड़ की वन जमीन पर हुआ अतिक्रमण

डिजिटल डेस्क, वर्धा. किसानों का वन जमीन पर अतिक्रमण करना यह नई बात नहीं है। जंगल क्षेत्र में जंगली जानवरों के लिए आरक्षित की गयी वन जमीन पर के पेड़ों की कटाई कर तीन एकड़ जगह हड़पने की साजिश समीपस्थ सालोड हीरापुर के एक किसान की ओर से शुरू है। यह प्रकार गांव के पड़ेगांव (फुटक) खेत परिसर में घटित हुआ है। संबंधित अधिकारियों ने इस पर कार्रवाई करने की मांग किसानों की ओर से की जा रही है। सालोड के बाबराव बदरीया नामक किसान का पड़ेगांव (फुटक) परिसर में खेत है। इस किसान के खेत के बाजू में जंगली जानवरों के लिए तीन एकड़ आरक्षित जमीन है। गत वर्ष इस किसान ने जेसीबी की सहायता से अवैध तरीके से तीन एकड़ क्षेत्र के करीब 30 से 40 पेड़ तोड़ दिए।

इतना ही नहीं  तो इस जमीन पर हल चलाकर जमीन बुआई योग्य की थी। दौरान परिसर के कुछ किसानों ने इस की शिकायत वन विभाग की ओर की थी। इस शिकायत पर गौर कर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने जमीन की नापजोप कर पत्थर गाड़े थे। इस समय नाममात्र कार्रवाई कर खेत की सीमा अंकित कर आरक्षित जमीन पर खेती नहीं करने की चेतावनी किसान को दी गई थी। उस समय किसान ने इस चेतावनी का पालन किया मात्र अल्पावधि में अंकित किए पत्थर हटाकर फेंक दिए।  इस बार के खरीफ मौसम की बुआई के पूर्व जुताई के नाम पर किसान ने आरक्षित वन जमीन पर अतिक्रमण कर संपूर्ण जमीन हड़प करने की तैयारी करने का दिखाई दे रहा है। अतिक्रमित जमीन पर कपास व तुअर की फसल की बुआई कर इस जमीन पर अपना अधिकार होने का दिखावा कर रहा है।

गत वर्ष वन विभाग ने किसान बाबाराव बदरीया के खिलाफ छुटपुट कार्रवाई की थी। मात्र किसान ने दोबारा अतिक्रमण करने से वन विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर संदेह निर्माण हो रहा है। इस वन जमीन पर मौजूद पेड़ अवैध तरीके से काटकर और अतिक्रमण कर वन विभाग की जमीन पर किसान बाबाराव बदरीया ने बुआई की है। इस ओर लगातार अनदेखी हो रहा है। मात्र वन विभाग ने बदरीयर पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने का दिखाई दे रहा है।

पगडंडी पर भी अतिक्रमण

परिसर के किसानों को खेतों में जाने के लिए रहे पगडंडी रास्ते पर किसान बाबाराव बदरीया सहित रमेश बेले ने रास्ते पर अतिक्रमण कर किसानों की आवाजाही का मार्ग बंद किया है। फिलहाल परिसर के किसान पास के बंजर जमीन पर से आवाजाही कर रहे हंै। बुआई का मौसम शुरू रहने से इस रास्ते के कारण पर से विवाद होने की आशंका बनी है।

रूपेश खेडकर, आरएफओ, वर्धा के मुताबिक अतिक्रमण किए जमीन का प्रत्यक्ष में निरीक्षण किया जाएगा। अतिक्रमण करने का पाए जाने पर किसान पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।        

जंगली जानवरों की परेशानी बढ़ी

इस वन क्षेत्र में हिरण, जंगली सुअर आदि की संख्या अधिक हैं। इस आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण करने से जंगली जानवरों की परेशानी बढ़ गयी है। इस प्रकार को जिम्मेदार रहने वाले किसानों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, एेसी मांग की जा रही है।
 

Created On :   28 Jun 2022 7:28 PM IST

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