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अनाथ आदिवासी बच्च्यिों की गृहस्थी खाक -आठ साल पहले बीमारी से पिता की हो गई थी मौत
डिजिटल डेस्क बाकल/ कटनी । नियती ने अनाथ आदिवासी बच्चियों को एक बार फिर वज्रपात किया। आठ साल पहले सिर से माता-पिता का साया छीन लिया। बुधवार को टूटी-फूटी गृहस्थी भी आग की भेंट चढ़ गई। कपड़ों के नाम पर केवल तन में पहने वस्त्र ही बचे। खाने का अनाज, बिस्तर आदि सबकुछ आग की भेंट चढ़ गए। घटना बाकल से 9 किलोमीटर दूर ग्राम मनगमा टोला (बरही रामपाटन) की है। पिता की मौत के बाद मां ने भी अनुराधासिंह एवं कल्पना सिंह लावारिश छोड़ दिया था। तब से दोनों बहनें मजदूरी कर अपना पेट पाल रही थीं। बुधवार सायं उनके घर में अचानक आग लग गई। आग सेे मकान के नाम बनी झोपड़ी पूरी जल गई और घर पर रखे तीन हजार रुपये नगदी, अनाज, बर्तन पुस्तकें, कपड़े, आधारकार्ड तथा दसवीं बोर्ड की मार्कशीट सभी राख हो गए। बुधवार सायं जब दोनों बहने अनुराधासिंह एवं कल्पना सिंह खेतों में मजदूरी करने गए थे तभी यह घटना हो गई आसपास के लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया पर जब तक सबकुछ स्वाहा हो चुका था।
पिता की मौत होते ही बेसहारा हो गईं
गांव के लोगों के अनुसार आठ साल पहले बीमारी के चलते बच्चियों के पिता हरिसिंह की मौत हो गई थी। कुछ दिनों बाद मां ने भी साथ छोड़ दिया। उनके परिवार में केवल तीन एकड़ जमीन है, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल होता है। माता-पिता का साथ छूटने के बाद दोनों अनुराधा की पढ़ाई छूट गई और स्कूल बंद होने से छोटी बहन कल्पना भी मजदूरी करने लगी। दोनों बहनें मजदूरी कर अपना भरण पोषण कर रही थीं। घटना के दिन भी दोनों मजदूरी करने गई थी। वापस लौटी तो सारी गृहस्थी जलकर राख हो चुकी थी। घर की हालत देख उनके आंसू थम नहीं रहे थे।
मदद करने आगे आए लोग
आदिवासी बेटियों की गृहस्थी खाक होने पर ग्रामीणजन मदद करने आगे आए। राज्यपाल पुरस्कृत प्राचार्य मनोज गर्ग एवं सरपंच प्रतिनिधि राजू पटेल ने कपड़े, कापी-किताब, दो हजार रुपये नगद दिए। साथ ही प्राचार्य मनोज गर्ग ने छोटी बेटी की पढ़ाई निशुल्क कराने एवं सभी तरह की मदद के लिए आश्वस्त किया। सरपंच श्रीमती कैलाश रानी पटेल ने जनसहयोग से मकान बनवाने तथा खाद्यान्न की व्यवस्था करने कहा। घटना की जानकारी लगते ही तहसीलदार विजय द्विवेदी के निर्देश पर राजस्व टीम ने पहुंचकर आग से हुई क्षति का आंकलन कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी। नागरिकों ने जिला प्रशासन से पीएम आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।
Created On :   5 March 2021 12:13 PM GMT