किसानों ने कहा मदद नहीं मिली तो करेंगे मतदान का बहिष्कार, पानी में डूबी हैं फसलें

Farmers warned the government of protest if not get compensated
किसानों ने कहा मदद नहीं मिली तो करेंगे मतदान का बहिष्कार, पानी में डूबी हैं फसलें
किसानों ने कहा मदद नहीं मिली तो करेंगे मतदान का बहिष्कार, पानी में डूबी हैं फसलें

डिजिटल डेस्क, उमरिया। पिछले दिनों मानपुर क्षेत्र में हुई बारिश महरोई गांव के लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। दरअसल यहां 16 करोड़ 45 लाख की लागत से भदार डायवर्सन जल परियोजना का कार्य चल रहा है। चार साल से परियोजना के विस्तार को लेकर प्रशासन की मंथर गति ग्रामीणों के लिए सिर दर्द बना हुआ है। किसानों की भूमि अधिगृहण के बाद भी अभी तक भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई। ज्यादातर किसानों ने गुजर बसर के लिए लोग खाली भूमि पर गेहूं की फसल लगा दी। शनिवार को हुई बारिश से नदी का जल स्तर बढ़ गया। परियोजना के 70 हेक्टयर भू-भाग में फैली रबी की फसल पर संकट छाए हुए हैं। किसानों ने अब मदद न मिलने पर मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

कलेक्टर के पास पहुंचे किसान
मंगलवार को महरोई गांव के दर्जनों किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन से अपनी समस्या सुनाई। गांव के हीरा लाल यादव, अयोध्या प्रसाद, रामलखन यादव, कुंभकरण, लच्छे लाल, बद्धा लाल, रामनरेश, रामरती, श्याम सहित अन्य किसानों ने आवेदन में बताया परियोजना के भू-अर्जन में पटवारी व आरआई मुआवजा निर्धारण में मनमर्जी कर रहे हैं। परियोजना के तहत पूरे गांव के किसानों की 70 हेक्टेयर भूमि पानी की चपेट यानि कैचमेंट एरिया में आती है। जबकि अधिकारी सिंचित असिंचित बताकर भेदभाव कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि मुआवजा वितरण पूरे गांव के किसानों को किया जाए। गांव की समस्त भूमि सिंचित है। मंगलवार शाम मामला कलेक्टर तक पहुंचने पर उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को गांव जाकर यथा स्थिति जानने के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि किसी भी किसान के साथ पक्षपात न होने पाए।

बांध में पानी भरने से बढ़ी परेशानी
जल संसाधन विभाग की मानें तो चार साल पहले 16 करोड़ 45 लाख की लागत से भदार डायवर्सन जल परियोजना का निर्माण किया जा रह है। शुरुआती चरण में ही परियोजना को लेकर करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। योजना की जांच पर उपयंत्री समेत एसडीओ पर भी कार्रवाई हो चुकी है। क्षेत्र की विधायक से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी है। अभी हाल ही में सामान्य प्रशासन की बैठक जिला पंचायत में संपन्न हुई थी। बैठक में जिला पंचायत सदस्य मौजी लाल ने भू-अर्जन की कार्रवाई में देरी का मामला उठाया था। बताया किसानों को मुआवजे की राशि चार साल से नहीं मिल पा रही है। दूसरी ओर बांध में पानी भरने से किसानों की फसल प्रभावित होती है। जब तक उन्हें प्रशासन की मदद मिल पाती है उनकी जीविकापार्जन प्रभावित हो जाती है।

तीन दिन पानी में डूबी फसल
अभी हाल ही में 17 मार्च को बेमौसम हुई बारिश के चलते किसानों की फसल प्रभावित हो गई। दरअसल डायवर्सन का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। इसमें तीन बार इसकी ऊंचाई के ड्राइंग में परिवर्तन किया गया। इसके अलावा नहर के फ्लो व गुणवत्ता को लेकर भी शिकायत थी। चूंकि परियोजना के गेट बारिश के बाद बंद कर दिए गए थे। इसलिए किसानों ने खाली पड़ी 70 एकड़ की भूमि में गेहूं सहित रबी की अन्य फसल बो दी थी। अब अचानक बारिश से नदी का जल स्तर बढ़ गया। नतीजा यह हुआ कि कैचमेंट एरिया के खेतों की फसल पानी की चपेट में आ गई। बताया गया मंगलवार को किसानों द्वारा जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला लाए जाने पर बांध का गेट खोला गया। तब जाकर किसानों की फसल पानी से निकली। हालांकि ज्यादातर फसल पानी के चलते बर्बाद होने की संभावना किसानों द्वारा जताई जा रही है।

इनका कहना है
भदार परियोजना में भू-अर्जन को लेकर कार्रवाई चल रही है। धारा 11 की कार्रवाई चल रही है। सिंचित रकबे में आ रही फसलों के भू-धारकों को मुआवजा मिलना है। एसडीएम कोर्ट में यह प्रकरण विचाराधीन है। किसानों की समस्याओं पर कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अजय वर्मा, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग

किसानों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या बताई। सभी का कहना है चुनाव के पहले उन्हें नुकसान का मुआवजा दिलाया जाए। अन्यथा ग्रामीण मतदान का बहिष्कार कर विरोध जताएंगे।
मौजी लाल, सदस्य जिला पंचायत उमरिया

 

Created On :   19 March 2019 9:26 PM IST

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