कोरोना का डर - चिलचिलाती धूप में दो माह से तिरपाल के सहारे रह रहे वृद्ध दंपति

Fear of Corona - Older couple living on the tarpaulin for two months in scorching sun
कोरोना का डर - चिलचिलाती धूप में दो माह से तिरपाल के सहारे रह रहे वृद्ध दंपति
कोरोना का डर - चिलचिलाती धूप में दो माह से तिरपाल के सहारे रह रहे वृद्ध दंपति

डिजिटल डेस्क उमरिया। बिना संतान के हम लोग पहले ही बेसहारा थे। रिश्तेदारों का आसरा था। सोचा था यूं ही बची हुई जिंदगी कट जाएगी। पर अब इस कोरोना बीमारी के भय के चलते यह सहारा भी छिन चुका है। दो माह हो गए चिलचिलाती गर्मी में एक तिरपाल के भरोसे लू के थपेड़े झेल रहे हैं। मन मसोस कर रह तो रहे हैं लेकिन यह शरीर अब साथ नहीं दे रहा। 
 यह दर्दभरी पीड़ी 75 वर्षीय बलराम सिंह निवासी कशेरू की है। उम्र के आखिरी पड़ाव में वह अपनी पत्नी के साथ सगे संबंधियों के यहां रहकर गुजर बसर करता था। जागरुकता के अभाववश उन्होंने भी अब बीमारी के डर से इनका साथ छोड़ दिया है। ज्ञात हो कि इस समय उमरिया का अधिकतम तापमान 41.2, न्यूनतम 25 डिसे. चल रहा है।कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में जहां एक से बढ़कर एक लोग मानवीयता की मदद के लिए आगे आ रहे हंै। मजदूरों के आवागमन, खाना पीना व ठहरने जैसी व्यवस्था नि:स्वार्थ कर रहे हैं। वहीं इसके विपरीत समाज में ऐसे भी हैं जो जागरुकता के अभाव में लोगों की जिंदगी दांव पर लगा देते हैं। कुछ इसी तरह का वाकया मानपुर अनुभाग क्षेत्र के कशेरू गांव में उजागर हुआ। 75 वर्षीय बलराम सिंह व पत्नी मोहिया को उनके रिश्तेदारों ने घर से बाहर निकाल दिया। क्योंकि उन्हें संदेह था कि वृद्ध उमरिया से लौटने के बाद कोरोना से संक्रमित न हो। यह बात प्रशासन तक पहुंचने पर एसडीएम मानपुर डॉ. योगेश तुकाराम ने स्वयं उसकी जांच की। मानपुर अस्पताल में भर्ती कराया। पता चला वृद्ध व पत्नी को आंखों में मोतियाबिंद है। एनीमिक होने के कारण काफी कमजोर है। अस्पताल पहुंचने पर उसने उल्टियां भी की है। पत्नी की आवाज सुनकर वह पहचान करता था। आंखों से कमजोर मोलिया ईंटों के सहारे लकड़ी के धुएं के बीच खाना बनाकर देती थी। 
नि:संतान है वृद्ध परिवार
बलराम सिंह (75) की पत्नी मोलिया बाई ने बताया उनका घर मूलत: उमरिया के भंगहा छटन में है। चूंकि उनकी कोई संतान नहीं इसलिए वृद्धावस्था काटने के लिए अक्सर रिश्तेदारों के यहां आवागमन रहता है। पिछले छह माह से वे लोग कशेरू में बहन-बहनोई के यहां थे। अभी हाल में पति बलराम का उमरिया आना हुआ था। इसी दौरान कोरोना बीमारी ने पांव पसार लिया। वापस लौटने पर सगे संबंधियों को संदेह हुआ कि इन्हें बीमारी न हो, इसलिए घर से दूर खुले आसमान के नीचे तिरपाल में तंबू के नीचे ढेरा रखवा दिया। तब से पिछले दो माह बीत गए वृद्ध पति पत्नी कड़ी दोपहर के बीच वहीं गुजर बसर कर रहे हैं।
इनका कहना है -
वृद्ध को हास्पिटलाइज कर एक्जामिन किया है। जांच में ज्ञात हुआ वह दोनों आंखों से अंधा हो गया है। पत्नी के अलावा उनका कोई नहीं। प्रोटीन, बिटामिन की कमी से शरीर में सूजन है। उल्टियां भी कर रहा है। हालांकि इलाज के बाद जल्द ही स्वस्थ्य हो जाएगा। मेरी सभी से अपील है कोविड के विरुद्ध अभियान में हम लोग सब पर ध्यान तो दे ही रहे हैं पर सीनियर सिटीजन व ऐसे लोग जिनके कोई सहारा नहीं उन्हें ज्यादा दिक्कत है। इनकी मदद के लिए भी आगे आना चाहिए। मैं इस संबंध में अपनी टीम को सक्रिय कर रहा हूं।
डॉ. योगेश तुकाराम, एसडीएम मानपुर।

Created On :   15 May 2020 7:15 PM IST

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