अधिकारियों की लापरवाही से मजदूर की मौत, असिस्टेंट सहित मैनेजर पर FIR

FIR against manager in worker murder case in umaria MP
अधिकारियों की लापरवाही से मजदूर की मौत, असिस्टेंट सहित मैनेजर पर FIR
अधिकारियों की लापरवाही से मजदूर की मौत, असिस्टेंट सहित मैनेजर पर FIR

डिजिटल डेस्क, उमरिया। नवंबर 2016 में हुई श्रमिक बृजेश प्रताप सिंह की मौत मामले में पुलिस ने दो कालरी अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया है। SECL की कोयला खदानों में श्रमिक सुरक्षा को लेकर अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। इस बात का खुलासा पाली पुलिस द्वारा कॉलरी भीतर हादसे में मृत श्रमिक की जांच के दौरान हुआ है। पाली प्रोजेक्ट अंडर ग्राउंड कॉलरी में पुलिसिया जांच में श्रमिक सुरक्षा संबंधी उपकरणों की नियमित जांच में लापरवाही पाई गई।

परिणाम स्वरुप बृजेश प्रताप सिंह पिता सुरेश सिंह (57) निवासी पाली प्रोजेक्ट के ऊपर भारी वजनी सामान गिर गया। हादसे में युवक को गंभीर चोट के बाद रिजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया। कंधे व छाती में चोट के चलते युवक ने दमतोड़ दिया था। 8 माह की जांच के बाद सीके शुक्ला असिस्टेंट मैनेजर सेक्सन इंचार्ज तथा प्रदीप कुमार मैनेजर पाली प्रोजेक्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में पाली सहित नौरोजाबाद, पिपरिया, चपहा मिलाकर आधा दर्जन श्रमिक दुर्घटना का शिकार हो चुके थे। जांच के लिए बिलासपुर से हाईलेबल जांच दल भी उमरिया पहुंचा था।

DGMS रिपोर्ट में भी खामियां उजागर
दर्ज एफआईआर में आरोपित किया गया है कि घटना के संबंध में DGMS द्वारा सुरक्षा संबंधी व घटना को लेकर जांच हुई थी। समिति के वेकन्ना बनोथू डिप्टी डायरेक्टर आफ माइंस सेफ्टी जबलपुर रिजन प्रबंधन की सुरक्षा नीति से असंतुष्ट थे। जांच रिपोर्ट अनुसार कोल अधिनियम के तहत कॉलरी के व्यक्तियों को कार्य रेग्यूलेशन का उल्लंघन पाया गया। घटना के संबंध में मैनेजर व असिस्टेंट द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही पाई गई दोनों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भी भेजा गया था। हालांकि जांच रिपोर्ट के संबंध में SECL महाप्रबंधक से हमने पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

14 लोगों के बयान, पीएम रिपोर्ट का आधार
28 नवंबर 2016 के दिन द्वितीय पाली के दौरान घटित हादसे के दौरान बृजेश के साथ अन्य श्रमिक मौजूद थे। उस समय प्रबंधन द्वारा प्राथमिक इलाज व मदद के दौरान देरी के आरोप भी लगे। तकरीबन आठ माह चली जांच के दौरान 14 साक्षियों के बयान, ड्यूटी रजिस्टर, मौका मुआयना व पीएम रिपोर्ट की जांच हुई है। मृतक की चोट व सुरक्षा उपकरणों की लापरवाही स्पष्ट उजागर हुई। तत्संबंध में मर्ग क्रमांक 105/16 धारा 174 में धारा बढ़ाते हुए 340ए, 34 का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

पाली थाना उमरिया के जांच अधिकारी एसआई आस्तिक खान का कहना है कि हमने जांच के दौरान दोनों पक्षों को पर्याप्त समय देते हुए उनके पक्ष सुने। मौका मुआयना प्राप्त जांच रिपोर्ट व साक्ष्य के आधार पर कॉलरी में श्रमिक सुरक्षा नियमों की अनदेखी मिली।  समय रहते यदि सुरक्षा जांच होती तो हादसे को रोका जा सकता था। इसलिए पुलिस ने 304 ए, 34 के तहत मैनेजर व असिस्टेंट मैनेजर के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है।

Created On :   13 Sept 2017 4:47 PM IST

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