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दो करोड़ का संदिग्ध ट्रांजेक्शन करने पर एफआईआर दर्ज
डिजिटल डेस्क,भोपाल। थाना आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा इन्दौर के विभिन्न बैंकों में वर्ष 2011-12 के दौरान कूटरचित दस्तावेजों से चालू एवं बचत खाता खोलकर लगभग 2 करोड़ रूपए का संदिग्ध ट्रांजेक्शन करने वाले 4 आरोपियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। इस संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई थी जिसके प्रारंभिक सत्यापन पर सूचना प्रथम दृष्टया सही पाई जाने से अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।
साल 2011 से 2012 के मध्य संदेहियों द्वारा इन्दौर स्थित चार बैंकों एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, तथा भारतीय स्टेट बैंक में प्रकाश पाण्डे तथा उसकी फर्म मेसर्स क्वालिटी इन्टरप्राईजेस के नाम से बचत व चालू खाते खुलवाए गए तथा वित्तीय संव्यवहार किए गए। संदेहियों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर किराए से लिए गए फ्लैट के पते पर मेसर्स क्वालिटी इन्टरप्राईज़ेस फर्म दर्शाकर कर स्थापना के पंजीयन का प्रमाण पत्र कार्यालय सहायक श्रमायुक्त, इन्दौर से बनवाया गया जिसका उपयोग करके प्रकाश पाण्डे द्वारा फर्म के नाम भी से बैंकों में चालू खाता खुलवाया गया।
आरोपी प्रकाश पाण्डे, लोकेश सिंह निवासी जिला छपरा (बिहार) तथा रोहित सिंह निवासी पटना (बिहार) तथा अन्य द्वारा इन्दौर स्थित विभिन्न बैंकों में योजनाबद्ध तरीकों से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाकर एक वर्ष में उन खातों में लगभग 2 करोड़ की धनराशियों का ट्रांजेक्शन किया गया। प्रारंभिक पड़ताल में यह भी पाया गया कि अधिकांशत: रूपए मध्यप्रदेश के बाहर के राज्यों से जमा कराए गए हैं तथा दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में आटोमैटिक टेलर मशीनों से नगद निकाले गए हैं जो आरोपियों के किसी अवैध स्कीम या गैर कानूनी गतिविधि में शामिल होने का द्योतक है।
वर्तमान में आरोपी लापता हैं तथा उनके द्वारा पंजीकृत स्थापना का कोई अस्तित्व नहीं है। अत: कूटरचित पत्र तैयार करने, उनका उपयोग करने एवं धोखाधड़ी के उद्देश्य से पहचान बदलने का अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए जाने से थाना आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा आरोपियों प्रकाश पाण्डे, लोकेश सिंह, रोहित सिंह, मनोज पांडे एवं अन्य संबंधित के विरूद्ध धारा 415, 468, 471, 120 बी भादवि के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया है।
Created On :   2 Jan 2018 7:16 PM IST