पहला राजस्व दिवस समारोह मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की सेवाओं का ई-लोकार्पण किया ‘ग्रामीणों को राजस्व कार्यालयों में चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा’
डिजिटल डेस्क, जयपुर। 15 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्व विभाग की आम लोगों के जीवन से जुड़ी विभिन्न महत्वपूर्ण सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण एक क्रान्तिकारी पहल है। भू-नामान्तरण, गिरदावरी रिपोर्ट, पंजीयन जैसे कामों के ऑनलाइन हो जाने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राजस्व विभाग के कार्यालयों में बार-बार चक्कर लगाने के परिश्रम से छुटकारा मिलेगा। श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के पहले राजस्व दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग की अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल, ई-पंजीयन आदि सेवाओं का ई-लोकार्पण किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच को आगे बढ़ाते हुए 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 लागू कर खेतीहर किसानों को भू-स्वामी घोषित करने के ऎतिहासिक दिन को प्रथम राजस्व दिवस के रूप में मनाया गया। मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि आज से शुरू हो रहा राजस्व दिवस इस विभाग के कैलेण्डर में एक महत्वपूर्ण दिन होगा। अब हर वर्ष इस मौके पर राजस्व विभाग अपनी वर्षभर की उपलब्धियों और चुनौतियों का आकलन करेगा तथा भविष्य की गतिविधियों की योजनाबद्ध रूपरेखा तैयार कर उस पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सूचना तकनीक के दौर में विभाग की सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण होने से पटवारी तथा गिरदावर स्तर के अधिकारियों के राजस्व और विशेषकर खेती से जुडे़ छोटे-छोटे कार्य समय पर पूरे हो सकेंगे और इन अधिकारियों पर काम का बोझ भी घटेगा। श्री गहलोत ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन सेवाओं का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कम्प्यूटरीकरण किया गया है, उनको जल्द से जल्द से पूरे प्रदेश के लिए ऑनलाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग से जुड़े कई कानूनों को सरलीकरण करने का काम भी शुरू किया गया है। इससे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के भू-मालिकों को अपनी जमीनों के अधिकार प्राप्त करने और उनके बंटवारे तथा प्रबंधन में आसानी होगी। राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने कहा कि बीते डेढ साल में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली और निर्णयों में बदलाव से आखिरी पंक्ति में खड़े आम आदमी के कल्याण के लिए बेहतर वातावरण बना है। राजस्व के कई तरह के रिकॉर्ड की कम्प्यूटर प्रति को ही सत्यप्रति मानने तथा ई-हस्ताक्षर को कानूनी वैधता मिलने से करोड़ों किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की सेवाओं के ऑनलाइन होने पर विभाग के अधिकारियों के काम में दक्षता और सटीकता आई है। राजस्व राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने प्रदेश में पहली बार राजस्व दिवस मनाने पर मुख्यमंत्री श्री गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की कुल 338 तहसीलों में से 244 तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो गया है और 31 मार्च 2021 तक समस्त तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे भू-राजस्व से जुड़े प्रकरणों के निस्तारण के काम में गति आएगी। मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि भू-राजस्व का प्रबंधन जमीन से जुड़ी प्रदेश की 75 प्रतिशत जनसंख्या के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग भी राज्य प्रशासन का सबसे मजबूत अंग है और इसकी पहुंच प्रदेश के अंतिम छोर तक है। राजस्व से जुड़े कार्याें में दक्षता आने से करोड़ों लोगों का जीवन सहूलियत भरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि भूमि रिकॉर्ड तथा सेवाओं के कम्प्यूटरीकरण के बाद भी विभाग के अधिकारियों की चुनौतियां बनी रहेंगी। अब पटवारी से लेकर तहसीलदार तथा कलक्टर तक राजस्व अधिकारियों को प्रकरणों के निस्तारण में और अधिक तत्परता दिखानी होगी। राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने कहा कि राजस्व विभाग की विभिन्न सेवाओं के ऑनलाइन होने के बाद उच्च अधिकारी से लेकर पंचायत स्तर के पटवारी तक सभी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। कानूनों के सरलीकरण से राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट है कि प्रकरणों के निस्तारण में देरी न हो। उन्होंने कहा कि पटवारी स्तर तक विभाग के सभी अधिकारियों को ग्रामीण लोगों के प्रति अपनी भूमिका को अधिक प्रासंगिक और जवाबदेह बनाना होगा।
Created On :   16 Oct 2020 3:23 PM IST