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अन्न औषधि प्रशासन विभाग ने साल भर में 42 लाख की खाद्य सामग्री की जब्त
डिजिटल डेस्क, वर्धा. सर्वसामान्य नागरिकों को अच्छे दर्जे का खाद्यपदार्थ उपलब्ध होकर उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहना चाहिए, इस के लिए अन्न सुरक्षा व मानक अधिनियम अमल में आया है। जिले में इस अधिनियम पर कड़ा अमल किया जा रहा है। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ गत वर्षभर में बडे़ प्रमाण में कार्रवाई की गयी है। अधिनियम अंतर्गत गठित की गयी समिति की जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने समीक्षा की। बैठक को अन्न व औषधि प्रशासन के सहायक संचालक नी. दी. मोहिते, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी अनिल इंगले, जिला महिला व बाल विकास अधिकारी प्रशांत विधाते, जिला उद्योग केंद्र के व्यवस्थापक अश्विनी कोकाटे, अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण वेदपाठक सहित विविध विभागों के अधिकारी तथा सदस्य उपस्थित थे। अधिनियम अंतर्गत जिन स्थानों में अन्न पदार्थों की बिक्री, निर्मिति, वितरण किया जाता, ऐसे अस्थापनों का पंजीयन होना आवश्यक है। खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग अंतर्गत नमूने लेकर उस की जांच की जाती है। नमूने अप्रमाणित होने पर संबंधितों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाती है। जिलाधिकारी ने गत वर्षभर में इस के बारे में की गयी कार्रवाई का जायजा लिया।
अन्न व औषधि प्रशसन विभाग की ओर से अन्न अास्थापना के कुल 322 जांच किए गए। जांच में त्रुटि पाए जाने पर कुछ अास्थापना के लाइसेन्स निलंबित किए गए तो 14 प्रकरण न्यायालय में दाखिल किए गए हैं। इस अवधि में अन्न पदार्थ के 187 नमूने लिए गए। अप्रमाणित नमूने पाए गए प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया। शासन ने प्रतिबंधित किए अन्न पदार्थ की बिक्री करने को मनाई की है। एेसा होने पर भी एेसे पदार्थो की बिक्री होने का पाए जाने से 5 स्थानों पर छापा मारकर 42 लाख 21 हजार कीमत के 3 हजार 57 किलो खाद्यसामग्री जब्त की गई है। गरमी के दिनो में बड़े प्रमाण में शीतपेय बेचा जाता है। अनेक बार ऐसे पेय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने की आशंका रहती है। इस कारण इन दिनों में रसवंती, ज्यूस विक्रेता, बर्फ गोला विक्रेता, आईस्क्रीम, ग्रीष्मकालिन फल व सीलबंद पने के पानी की जांच कर नमूने लेने के निर्देश इस बैठक में दिए गए। अनाज का संचय के लिए मान्यता प्राप्त दवा का इस्तेमाल करते समय ग्राहक व व्यापारियों ने योग्य सावधानी बरते व इस के बारे में जनजागृति करने के निर्देश इस समय दिए गए। जिन-जिन स्थानों में अन्न पदार्थ तैयार किया जाता है, एेसे सभी अास्थापना का पंजीयन होना आवश्यक है। शाला छात्रावास, निवासी शाला, बालसुधारगृह में पोषण आहार पकाया जाता हो तो बालकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मानकों के अनुसार पंजीयन होना आवश्यक है।
Created On :   7 April 2022 7:58 PM IST