RTI एक्ट का उल्लंघन करना पड़ा महंगा, CMO पर लगा 25 हजार का जुर्माना

For violating the RTI Act, imposed a fine of 25 thousand on CMO
RTI एक्ट का उल्लंघन करना पड़ा महंगा, CMO पर लगा 25 हजार का जुर्माना
RTI एक्ट का उल्लंघन करना पड़ा महंगा, CMO पर लगा 25 हजार का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र राज्य सूचना आयोग के आदेश का पालन न करने और अपीलार्थी को चाही गई जानकारी न देने के कारण नगर परिषद ब्यावरा (राजगढ़) के सीएमओ इकरार अहमद को 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अब भी जानकारी नहीं दी गई तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई सहित अन्य दंडात्मक प्रावधान भी आकर्षित होंगे । 

राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने राजगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राशिद जमील खान की अपील मंजूर करते हुए लोक सूचना अधिकारी व मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) अहमद द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का निरंतर उल्लंघन किए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने फैसले में कहा है कि अहमद ने अपीलार्थी को नियत समय में कोई जानकारी न देकर धारा 7 का उल्लंघन किया । इसके अलावा वे न प्रथम अपील की सुनवाई में हाजिर हुए और न ही अपीलीय अधिकारी संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन व विकास विभाग, भोपाल के आदेश का पालन किया। बल्कि भिन्न-भिन्न तिथियां बताते हुए असत्य लेख किया कि अपीलार्थी को वांछित जानकारी दे दी गई है।

वे आयोग की ज्यादातर सुनवाईयों में भी उपस्थित नहीं हुए, आयोग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर भी पेश नहीं किया और जानकारी देकर पालन प्रतिवेदन पेश करने के आयोग के आदेश का भी पालन नहीं किया। इस प्रकार सीएमओ ने सूचना का अधिकार अधिनियम का लगातार उल्लंघन कर विधि विरूध्द आचरण किया है जिसके लिए उन्हें दंडित करना लोकहित व न्याय हित में आवश्यक है। 

सूचना आयुक्त ने फैसले में कहा है कि सीएमओ द्वारा जुर्माने की राशि एक माह में आयोग में जमा न कराए जाने पर अनुशासनिक प्राधिकारी के माध्यम से सीएमओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और जुर्माने की रकम उनके वेतन से काटने की कार्रवाई की जाएगी। जरूरी होने पर उनके विरूध्द आयोग को प्राप्त सिविल कोर्ट की शक्तियों का भी इस्तेमाल किया जाएगा । 

क्या है मामला    

राशिद जमील खान ने CMO से उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन किए गए कार्यों , उन कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए निर्माण सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट , टेस्ट रिपोर्ट देने वाली प्रयोगशाला के नाम व उसे किए गए भुगतान की जानकारी मांगी थी जो नहीं दी गई। अपीलीय अधिकारी के आदेश तथा आयोग के आदेशों के बाद भी वांछित जानकारी मुहैया नहीं कराई गई। सीएमओ ने अपीलीय अधिकारी व आयोग के समक्ष प्रचलित अद्र्धन्यायिक कार्रवाई के प्रति भी उदासीनता बरती। आयोग ने उन्हें पुन: आदेशित किया है कि अपीलार्थी को चाही गई जानकारी 7 दिन में नि:शुल्क प्रदाय कर पालन प्रतिवेदन पेश करें।

Created On :   13 Nov 2017 2:41 PM IST

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