उमरिया में जम गई बर्फ की चादर - 2.9 पर पह़ंचा पारा ,सर्द हवाओं ने दिनभर ठिठुराया

Freezing snow sheet in Umaria - mercury reached 2.9, cold winds choked all day
उमरिया में जम गई बर्फ की चादर - 2.9 पर पह़ंचा पारा ,सर्द हवाओं ने दिनभर ठिठुराया
उमरिया में जम गई बर्फ की चादर - 2.9 पर पह़ंचा पारा ,सर्द हवाओं ने दिनभर ठिठुराया

डिजिटल डेस्क  उमरिया । एकाएक रात में 11 डिग्री सेल्सियस की रिकार्डतोड़ गिरावट के साथ ही उमरिया कड़ाके की ठंड की चपेट आ गया है। पिछली दरमयानी रात 2.9 डिसे. न्यूनतम तापमान रहा। इस तरह शुक्रवार की सुबह इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही। दिन में 20.7 डिसे. दर्ज हुआ है। पारे में गिरावट का असर लोगों के जनजीवन पर भी पडऩा शुरू हो गया है। शुक्रवार सुबह उमरिया समेत कई क्षेत्रों में बर्फ जम गया। उमरिया शहर में ही लोगों ने गाड़ी वाहन व घास मैदान पर सफेद चादर देखी है। दिनभर जिस तरह सर्द हवाएं चली कयास लगाए जा रहे हैं आगामी दो दिन दिन पारा एक तक भी लुढ़क सकता है।
   जिले में ठंडी अब हाड़कंपा देने वाली पड़ रही है। शुक्रवार को रात में तापमान 2.9 डिसे पर जाते ही लोगों के हाथ बेहाल हो गए हैं। खासकर सुबह जल्दी उठने वाले लोग 8-9 बजे तक बिस्तरों में ही छिपे रहे। घरों में ठंड के चलते हाथ-पैरों की गलन महसूस हुई। सुबह 9 बजे के बाद धूप तेज होने पर लोगों को कुछ राहत मिली और घर के बाहर निकले। सुबह 6 बजे उमरिया के पुराना पड़ाव, शांतिमार्ग, खलेसर, बहराधाम सहित नदी किनारे वाले इलाके में पाले की चादर ने मैदान को सफेद चादर में ओढ़ा दिया। शहर में भी इतना पाला पड़ा था कि घरों की छत, बर्तन, घास मैदान में बर्फ की पतली परत दिखाई दे रही थी। पारे में इतना अधिक गिरावट का कारण उत्तरी हवाओं का माना जा रहा है। हवाओं की गति यही रही तो एक डिसे तक भी तापमान पहुंच सकता है। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में तो शून्य के नीचे की ठंड पड़ रही है।  
रिकार्ड तोडऩे पर अमादा ठंडी
उमरिया की प्रदेश में अधिक ठंड व वर्षा वाले जिले के रूप में जाना जाता है। इसका कारण विशेषज्ञ जिले की भागौलिक विरासत है। साथ ही जिले में 41 फीसदी क्षेत्र वन संपदा से परिपूर्ण है। दिसंबर माह में ही 27 दिसंबर के पूर्व करीब एक पखवाड़े पहले प्रदेश में सर्वाधिक कम 5 डिसे. रिकार्ड हुआ था। साल 2019 के आखिरी जाते-जाते और लोगों को कंपकपा गए। गुरुवार रात रिकार्डतोड़ 2.9 डिसे. की ठंड थी। इतना कम तापमान दर्ज होते ही जिले में पिछले चार साल का रिकार्ड टूट गया। साल 2018 में दिसंबर माह का तापमान सबसे कम 1.1 दर्ज हो चुका है। वहीं इसके पूर्व 2017, 2016 में रात का पारा 4 पर था। यानि पिछले साल में 2018 तथा 2015 के  बार 2019 लोगों को ठिठुराने वाला साबित हुआ। हालांकि शुक्रवार को जिस तरह दिनभर शर्द हवाएं चलती रहीं, इससे संभावना जताई जा रही है कि 30 दिसंबर के पहले ही पारा 1 डिसे. को भी छू सकता है। इसका सर्वाधिक असर मैदानी व जंगली क्षेत्रों में वन्यजीव तथा लोगों पर पड़ता है।
 

Created On :   27 Dec 2019 1:40 PM GMT

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