प्रदेश में अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी कैदियों की पेशी

from video conferencing will be the muscle of detainees
प्रदेश में अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी कैदियों की पेशी
प्रदेश में अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी कैदियों की पेशी

डिजिटल डेस्क,कटनी।अब पेशी के दौरान कैदी फरार नहीं हो सकेंगे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मोहनिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैदियों के रिमांड की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला न्यायालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग का ट्रायल होने से खतरनाक कैदी अब जेल से सीधे जज के सामने पेश होंगे। 

जेल से कैदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई के दौरान पेश होंगे तो वहीं कैदी भी इसी के जरिए अपना पक्ष भी रख सकेंगे। इस दौरान जिला जज ने कहा कि कोर्ट में नंबर आने के साथ ही कैदी को जेल अधीक्षक वीसी के जरिए पेश करेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा शुरू होने से खतरनाक कैदी अब सुरक्षा में सेंध नहीं लगा पाएंगे। कैदियों को पेशी में ले जाने के लिए वाहन और सुरक्षा में काफी खर्च होता था। इसके साथ ही पेशी के दौरान कैदियों को फरार होने की संभावना बनी रहती थी। वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था लागू होने से कैदियों को जेल से बाहर पेशी में नहीं ले जाना पड़ेगा। 

गौरतलब है कि कैदियों की पेशी पर हर साल लाखों रुपए का सरकारी डीजल की खपत होने के साथ पुलिस बल की भी जरूरत पड़ती थी। जिला अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कैदियों को जेल से सीधे न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू होने से कोर्ट रूम अपडेट हो गए हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए कोर्ट रूम में LED स्क्रीन लगाई गई है। जेल से कनेक्टविटी के माध्यम से कैदी को पेशी पर कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से पेश किया जा रहा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के शुभारंभ के दौरान एडीजे अरूण सिंह, भूपेंद्र सिंह नकवाल समेत कई न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
 

Created On :   19 Aug 2017 4:31 AM GMT

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