छात्रा पर था अच्छे अंक लाने का दबाव, रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी

Girl made false story of kidnapping herself
छात्रा पर था अच्छे अंक लाने का दबाव, रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी
छात्रा पर था अच्छे अंक लाने का दबाव, रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी

डिजिटल डेस्क कटनी।अभिभावकों द्वारा बच्चों पर डाले जा रहे उम्मीदों के बोझ से जहां बच्चों का बचपन खो रहा है तो वहीं इन उम्मीदों को पूरा न कर पाने के डर से बच्चे या तो जिंदगी से पलायन कर रहे हैं या फिर घर से। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया। जिसमें पढ़ाई के डर से घर से भागी बालिका ने पहले तो अपने अपहरण की झूठी कहानी सुनाई तथा बाद में जब बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया तो काउंसलिंग दौरान बालिका बार-बार अपने बयान बदलती रहीं।
महोबा जिले की है छात्रा
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के ग्राम सिंघनपुर बघारी निवासी एक 16 वर्षीय छात्रा को उसके अभिभावकों द्वारा कक्षा दसवीं में 80 फीसदी अंक लाने दबाव डाला जा रहा था जबकि बालिका की पढ़ाई में बिल्कुल भी रूचि नहीं है। अच्छे अंकों से पास होने के दबाव तथा बालिका के बर्ताव को लेकर परिजनों द्वारा की जा रही रोकटोक से परेशान होकर छात्रा ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया। जिसके बाद करीब 7 माह पूर्व उसके माता-पिता द्वारा बालिका को माधवनगर निवासी अपने भाई के घर भेज दिया गया। जहां से कुछ दिन पूर्व बालिका अपने भाई के पास ग्राम बांदा पहुंची और बिना बताये सोमवार की दोपहर बांदा से ट्रेन पकड़कर कटनी के लिए रवाना हो गई।
आत्महत्या की भी की थी कोशिश
काउंसलिंग दौरान छात्रा ने बताया कि उसके अभिभावकों को उसकी बालकों से दोस्ती पर एतराज था। साथ ही लगातार अच्छे नंबरों से पास होने का दबाव व ताने दिए जा रहे थे जिससे तंग आकर उसने एक बार अपने ऊपर मिट्टी तेल उड़ेलकर आत्महत्या की कोशिश भी की थी।
जन सुनवाई में सुनाई अपहरण की कहानी
रात करीब 10 बजे कटनी स्टेशन में बालिका को लावारिस घूमते देखकर एक सब्जी विके्रता महिला उसे अपने घर ले गई। जहां से मंगलवार को वह महिला बालिका को लेकर कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में पहुंची जहां एडीएम के समक्ष बालिका ने अपने अपहरण, अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर आने तथा उसे टार्चर किए जाने की कहानी सुनाई। एडीएम के निर्देश पर महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। जहां बार-बार काउंसलिंग किये जाने के बाद बालिका का सच सामने आया।
इधर पढ़ाई के डर से बालक ने छोड़ा घर
वहीं शहडोल जिले के ब्यौहारी निवासी एक 12 वर्षीय छात्र को भी कटनी स्टेशन से लावारिस हालत में घूमते पाये जाने पर रेल पुलिस द्वारा उसे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया। चाइल्ड लाइन द्वारा बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। सीडब्ल्यूसी द्वारा बालक के पिता को बुलाया गया। जहां पिता तो बालक को ले जाने तैयार था लेकिन बालक के द्वारा पिता के साथ जाने से साफ इंकार कर दिया गया। बालक ने बताया कि पिता उस पर स्कूल जाने के लिए दबाव डालता है, लेकिन वह स्कूल जाना नहीं चाहता।

 

Created On :   22 Nov 2017 1:21 PM IST

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