महात्मा गांधी के विचारों में राष्ट्र निर्माण की भूमिका समाहित -राज्यपाल

Governor said that the role of nation building is included in the thoughts of Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी के विचारों में राष्ट्र निर्माण की भूमिका समाहित -राज्यपाल
वर्धा महात्मा गांधी के विचारों में राष्ट्र निर्माण की भूमिका समाहित -राज्यपाल

डिजिटल डेस्क, वर्धा. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि, देश सेवाभाव ही कर्म संकल्प होना चाहिए। सुश्री उइके रविवार को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर स्वराज्य, सुराज्य और स्वबोध के गांधी मार्ग विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन भी किया। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि, वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर हिंदी विश्विद्यालय में आगमन से अभिभूत हुई हैं। उन्होंने कहा कि, महात्मा गांधी के विचारों एवं प्रेरणा में राष्ट्र निर्माण की प्रत्येक भूमिका शामिल है। इस दृष्टि को समाहित करने के लिए इस मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी देश को निष्ठापूर्वक विश्व गुरु बनने के लिए योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि, हिंदी विश्वविद्यालय ने भी गांधी के कर्म और विचारदृष्टि से अनेक कार्य किए हैं जो अद्वितीय हैं।

हिंदी विश्वविद्यालय के विस्तार और कार्य प्रवाह ने देश दुनिया में भाषा-संस्कृति का निर्माण किया है। इस क्रम में दीपोत्सव गांधी के विचार स्मरण है और यह उल्लास, उमंग और संकल्प से प्रेरित एक वैश्विक प्रतिबिंब है। संगोष्ठी के उपरांत गांधी हिल्स पर दीपोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के 25 स्थलों, शहर के 35 स्थलों तथा विश्वविद्यालय के तीनों क्षेत्रीय केंद्रों पर दीपोत्सव मनाया गया।   

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने स्वागत वक्तव्य में गांधी की मानवीय सभ्यता को स्वीकार और लोकस्थापत्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि, आने वाले समय में देश-दुनिया के कठिन प्रश्नों का उत्तर भी गांधी-मार्ग है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वर्धा के सांसद रामदास तड़स ने कहा कि, दीपोत्सव के माध्यम से समूचे भारत में वर्धा के हिंदी विश्वविद्यालय के गांधी दर्शन व वैचारिक दृष्टि का विस्तार हुआ है।

उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल के नेतृत्व व कार्य प्रवाह की उत्कृष्टता का प्रमाण उन्हें समूचे भारत में वर्धा की उपलब्धियों को प्रकट करता है। संगोष्ठी में उपस्थित विशिष्ट अतिथि डॉ. रामदास आंबटकर ने कहा कि, विश्वविद्यालय के कार्यों में सामूहिकता और सामान्य व्यक्ति को जोड़ना हमारी ताकत है। इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के पुरस्कार राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के द्वारा प्रदान किए गए।

दर्शन एवं संस्कृति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयंत उपाध्याय ने संचालन तथा कुलसचिव कादर नवाज खान ने आभार माना। शुरुआत राष्ट्रगान दीप दीपन, कुलगीत से किया गया। समापन राष्ट्रगान से हुआ।
 

Created On :   3 Oct 2022 7:40 PM IST

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