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अचानक बीमार पड़ीं गुरुकुलम की 13 छात्राएं, प्रताड़ना का अंदेशा
सौरभ सोनी, भोपाल। राजधानी के गुरुकुलम में छात्राओं के दहशत में आने के बाद बीमार होने का मामला सामने आया है। सोमवार की दरमियानी रात जेके हास्पिटल में उक्त मामले के उजागर होने के बावजूद गुरुकुलम प्रबंधन अब मामले पर पर्दा डालने में जुटा है। मामले में अब तक रहस्य बरकरार है और छात्राओं की यह हालत कैसे हुई इसका कोई पता नहीं चला है।
दरअसल राजधानी के बावड़िया कलां में छह माह पहले खुले गुरुकुलम की 13 छात्राओं को अचानक जेके हास्पिटल में उपचार के लिए लाया गया था। यहां उनके प्राथमिक उपचार के दौरान पता चला है कि छात्राओं के अचानक चीख-पुकार शुरू कर दी थी, जिसको सुनकर गुरुकुल की वार्डन पूर्णिमा त्रिपाठी ने एडीओ सुधीर श्रीवास्तव को घटनाक्रम से अवगत कराया। इसके बाद 10 बजे डरी सहमी 13 छात्राओं को जेके अस्पताल भेजा गया।
जेके के डॉ दीक्षित को प्रताड़ना की आशंका
अचानक जेके अस्पताल में भर्ती हुईं गुरूकुलम की 13 छात्राओं को वहां ड्यूटी में तैनात सीएमओ डॉ शिवदत्त दीक्षित ने शारीरिक प्रताड़ना की आशंका को देखते हुए पुलिस को अवगत कर छात्राओं का मेडिकल चेकअप करने की सलाह दी, लेकिन एडीओ ने वार्डन के बजाए डिप्टी कमिश्नर सीमा सोनी को अस्पताल बुलाकर जांच और पुलिस को सूचना देने से इंकार कर दिया। इसके बाद एडीओ सभी छात्राओं को हमीदिया अस्पताल रेफर कराने के नाम पर एक अन्य निजी चिकित्सक राकेश भार्गव के क्लीनिक पर ले गए, जहां से चेकअप कराकर गुरुकुलम भेजा गया। फिलहाल अब इस मामले में छात्राओं की बीमारी और चीख पुकार के वास्तविक कारणों को स्पष्ट करने को गुरुकुलम प्रबंधन तैयार नहीं है।
जे के में उपचार से इनकार
डरी सहमी 13 छात्राएं रात 10 बजे अस्पताल लाई गई थी, प्रथम दृष्टया वे शारीरिक प्रताड़ना का शिकार प्रतीत हुई, इस स्थिति में वार्डन द्वारा पुलिस को सूचित करने की सलाह पर संबंधित व्यक्ति भडक़ गए। इसके बाद एक महिला अधिकारी से विवाद कर छात्राओं को डिस्चार्ज कराने की जिद कर रहे थे, जिसके बाद हमने उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर किया था।
-डॉ शिवदत्त दीक्षित, सीएमओ जेके अस्पताल भोपाल
जिम्मेदारों का बयान- घर की याद में बीमारी का बहाना
गुरुकुलम परिसर में अचानक सभी छात्राएं डर गई, कुछ छात्राएं चक्कर आने के बाद बेहोश हो गई थीं, जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले गए थे। अब सभी छात्राएं सामान्य एवं ठीक हैं। शारीरिक शोषण या प्रताड़ना की बात बिल्कुल गलत है। छात्राएं तीन दिन पहले ही घर से आई हैं संभव है उन्हें घर की याद सता रही होगी। इसलिए बीमारी का बहाना बनाया होगा।
-सुधीर श्रीवास्तव, एडीओ गुरुकुलम
Created On :   28 Jun 2017 5:12 PM IST