हाथ धोने और नहाने के लिए आधी आबादी को नहीं मिल पा रहा पानी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
 हाथ धोने और नहाने के लिए आधी आबादी को नहीं मिल पा रहा पानी

डिजिटल डेस्क  कटनी । शहर में पेयजल की समस्या अब कोरोना पर भी अपना असर दिखा रहा है। कोरोना से निपटने के लिए हर आधे घंटे के अंतराल में साबुन से हाथ धोना जरुरी है, वहीं लोगों को नहाने के लिए भी ठीक तरह से पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर को सामान्य दिनों में 35 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। वर्तमान समय में इसमें करीब 15 एमएलडी की कटौती कर दी गई है। गर्मी में पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है ऊपर से कोरोना से बचने के लिए समय-समय पर हाथ धोना भी जरुरी है और नगर निगम के पास इतना पानी नहीं है कि इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए लोग दिन में कई बार हाथ धो सकें।
ऐसे समझें पूरा गणित
पानी सप्लाई और एक व्यक्ति की औसत जरुरत से समझा जा सकता है कि जो शहरवासी पूरी तरह से नगर निगम के नलों पर आश्रित हैं। उनका गुजारा किस तरह से हो रहा है। एक व्यक्ति के हिस्से में अस्सी लीटर पानी है। चालीस लीटर पानी की आवश्यकता उसे एक बार नहाने में पड़ती है। प्रसाधन जाने के लिए पांच से दस लीटर पानी की आवश्यकता होती है। मतलब एक बार में ही पचास लीटर पानी अतिआवश्यक कार्य में खर्च हो जाता है। ऊपर से कपड़े धोने के लिए अलग से पानी की आवश्यकता होती है। यदि दिन में वह दस बार भी साबुन से हाथ धोता है तो उसे पंद्रह लीटर अतिरिक्त पानी की जरुरत है। इस हिसाब से शाम होते-होते उसके हिस्से का पानी समाप्त हो जाता है।
आधी आबादी प्रभावित
इस लापरवाही का शिकायत आधी आबादी है। शहर में कुल नल कनेक्शनों की संख्या करीब बीस हजार है। यदि एक परिवार में औसतन पांच सदस्य भी है तो यह जनसंख्या करीब एक लाख के आसपास होती है। बैराज में पानी घटने से शहर में जल आपूर्ति एक समय कर दिया गया है। आधे से पौन घंटे की सप्लाई में लोगों को इतना पानी ही मिल पाता है। जिससे उनके जरुरी काम चल सकें। गर्मी के चलते चालीस से पचास लीटर पानी की आवश्यकता कूलर में होती है।
पहले दिखा लेते समझदारी
पानी को लेकर नगर निगम पिछले कई वर्षों से कटघरे में खड़ा है। लोगों का कहना है कि यदि योजनाओं को जमीन पर उतार दिया जाता तो इस तरह की स्थिति नहीं बनती। बरगी डेम से पानी लाने की जो योजना बनीं थी, यदि उसे धरातल पर उतार दिया जाता तो लोगों को भरपूर पानी मिलता।
इनका कहना है
गर्मी में पेयजल की समस्या इस तरह से बनती है। कटायेघाट स्थित बैराज में पानी कम होने के कारण एक समय जल आपूर्ति की जा रही है। लोगों को जरुरत के हिसाब से पानी मिल रहा है।
- सुधीर मिश्रा, सहायक यंत्री  जलप्रदाय शाखा नगर निगम
 

Created On :   3 April 2020 9:53 AM GMT

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