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बेपटरी मिली स्वास्थ्य, बिजली व पेयजल योजनाएं
डिजिटल डेस्क, उमरिया। कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को मैराथन चली टीएल बैठक में कलेक्टर स्वास्थ्य, पेयजल व निकार्यों में लापरवाही पर विभाग प्रमुखों की जमकर क्लास ली। खासकर स्वास्थ्य विभाग में सुविधा बदहाल व सुधार के लिए विशेष निर्देश दिए। बैठक में बिरसिंहपुर पाली एवं मानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को ठोस निर्णय लिए के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सीएमएचओ को कहा कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं सही करें। उन्होंने कहा कि यदि मरीजों को अनदेखा किया गया और शिकायते मिली तो जिम्मेंदारी तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों से पैसा लेने की शिकायते मिली हैं। इसकी दोबारा पुनरावृत्ति नही हो इस बात के लिए समस्त अमले को सचेत करें। झोलाछाप डाक्टरों की सघन चेकिंग करते हुए यह देखे कि उनके द्वारा मरीजों को गलत दवाई न दी जाए और न ही शोषण करें। ऐसा पाए जाने पर उनकी दुकाने बंद कराएं और वैधानिक कार्यवाही करें। झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई धीमी होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। विभाग अनुसार अभी तक बंगाली डाक्टर विश्वास दवाखान की जांच हुई। कमियां मिलने पर पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है।
जिले में बंद पड़ी 135 नल-जल
कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री पीएचईडी को निर्देशित किया है कि बंद पड़ी 135 नल जल योजनाओं को चालू कराएं। खराब हैण्डपंपो को भी जल्दी ठीक कराएं। मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि उमरार जलाशय को मछुआ सहकारी समिति एवं समूह को मत्स्य पालन हेतु दिया गया है जो नियमों के विपरित है। कलेक्टर ने इसकी विस्तृत जांच करने के लिए सहायक आयुक्त सहकारिता को दिया गया है।
श्रमिकों का नहीं हुआ नवीनीकरण
समीक्षा के दौरा उमरिया, नौरोजाबाद, पाली व चंदिया निकाय में भवन निर्माण कर्मकार मण्डल की प्रगति धीमी मिली। बताया गया अभी तक 140 नए श्रमिकों का पंजीयन हुआ। जबकि 10,500 पंजीकृत श्रमिकों का नवीनीकरण शेष है। इसी तरह डीपीसी कार्यालय में पदस्थ एपीसी फिल्ड का सतत निरीक्षण कर अध्ययन अध्यापन का कार्य की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि यदि वे कार्यालय में पाए गए तो डीपीसी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए तहसीलदार बांधवगढ़ को डीपीसी कार्यालय पर सतत नजर रखने के निर्देश जारी हुए हैं।
एमपीईबी से वसूली जाएगी 56 लाख की राशि
जिले में विद्युत आपूर्ति के लिए एमपीईबी के ऊपर राजस्व विभाग की 56 लाख की वसूली शेष होने का मामला सामने आया। जो सीएजी की आडिट में भी लंबित है। उक्त राशि की वसूली चल-अचल सम्पत्ति से कर शासन पक्ष में जमा कराने की जिम्मेदारी एसडीएम एवं तहसीलदार बांधवगढ़ को दी गई। ताकि आडिट कंडिका समाप्त हो सके। इसी प्रकार नगर पालिका उमरिया में भी राजस्व की वसूली किया जाना शेष पाया गया। कलेक्टर ने सख्ती से वसूली करने के निर्देश राजस्व अधिकारियो को दिए हैं। समीक्षा के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों खासकर मानपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत चिल्हारी अंचल के अधिकांश ट्रांसफार्मर बिगड़े होने की जानकारी मिली। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री एमपीईबी को निर्देशित किया है कि अवर्षा की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ट्रांसफार्मरों को अविलंब सुधरवाएं। कलेक्टर ने कहा है कि जिले के अंतर्गत बिगड़े ट्रांसफार्मरों की सूची उपलब्ध कराएं और जहां जहां ट्रांसफार्मर बदल दिए गए है उसकी भी जानकारी से अवगत कराए।
तेंदूपत्ता एवं बोनस की राशि दिलाएं
वन विभाग द्वारा पात्र हितग्राहियों को तेंदुपत्ता व मजदूरी आज भी भुगतान लंबित है। समीक्षा के दौरान एसडीओ ने बताया कि राशि का भुगतान तत समय आनलाइन कर दिया गया था। जबकि हितग्राहियों के खाते में अभी तक राशि नही पहुंची। जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की गई है। कलेक्टर ने कहा है कि तीनों हितग्राहियों को समक्ष में लाएं ताकि उनसे भुगतान के संबंध में चर्चा कर उन्हें संतुष्ट किया जा सके। इसी तरह एनएच 78, नेशनल पार्क एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जिन भूमियों का अर्जन सार्वजनिक कार्यो के लिए किया गया है और उनका भुगतान अभी तक नही होना पाया गया। ऐसे प्रकरणों को अभियान चलाकर वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश जारी हुए हैं।
बैंक में प्रकरण भेजकर खानापूर्ति करते हैं अधिकारी
विभिन्न विभागों द्वारा संचालित सीएम स्वरोजगार योजना, सीएम आर्थिक कल्याण योजना, सीएम उद्यमी योजना की विभागवार समीक्षा में अधिकारियों की औपचारिकता पाई गई। बताया गया विभागों द्वारा प्रकरण बैंकों को प्रेषित कर दिया गया है, लेकिन अभी तक बैंकर्स द्वारा हितग्राही को राशि नही उपलब्ध कराई गई है। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा है कि विभागीय अधिकारी हितग्राहियो से आवेदन प्राप्त कर बैंक को प्रेषित करना केवल खानापूर्ति नही समझें बल्कि जब तक उसे राशि नही मिलती तब तक उसे उपलब्धि नही माना जाएगा। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियो से कहा है कि अपने क्षेत्र में संचालित बैकों की विस्तृत जांच करें जिसमें कामर्सिएल या निजी अनुमति भवन की ली गई या नही। सम्पत्ति कर भुगतान हुआ है या नही पार्किग, नल एवं विद्युत कनेक्शन, डोमेस्टिक या कार्मिशयल लिया गया है या नही। कलेक्टर ने कहा है कि जहां बैंक कार्यालय स्थापित है वहां वर्ष 1958-59 के खसरा खतौनी में भूमि की कैफियत क्या थी।
Created On :   14 Sept 2017 12:47 PM IST