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बाघ के हमले से घायल हो रहे इंसान, गांव में सनसनी

डिजिटल डेस्क उमरिया। ताला रेंज से सटे पतौर रेंज में एक बार फिर बाघ की मौजूदगी ने लोगों को खौफजदा कर दिया है। पटपरा में बाघ ने हमला कर एक ग्रामीण को घायल कर दिया। वन विभाग की मदद से उसे मानपुर भर्ती कराया गया। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए रेंज टीम ने घटना स्थल क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। घटना को अंजाम देने वाले बाघ के पगमार्ग तलाशे जा रहे हैं। बताया जा रहा है वन क्षेत्र में बाघिन टी-55 सक्रिय देखी गई है। उनके साथ तीन शावक भी हैं।
साथियों ने बचाई जान- घटना के संबंध में बताया गया है सुबह करीब सात बजे यह घटना पतौर रेंज के बीट पतौर ए में हुई। यहां आरएफ 400 के पास सेसहाईहार नामक जंगल में बाघ पहले से मौजूद था। जैसे ही पप्पू पाल पिता (40) उसके समीप पहुंचा, उसने पंजे मारते हुए उस पर चार्ज किया। वन अफसरों के मुताबिक चूंकि बाघ का उद्देश्य उसे मारना नहीं था इसलिए उसने पंजे से हमला किया। अन्यथा टाईगर एक बार जबड़े में दबोचने के बाद शिकार को दोबारा नहीं छोड़ता। यही कारण रहा कि तब तक वहां अन्य गांव के लोगों को मौका मिल गया और उन्होंने इसे जंगल से घर पहुंचा दिया।
तीन माह में पांचवी घटना- इस साल वनोपज महुआ व तेंदूपत्ता प्रारंभ होने से अभी तक इंसानों पर हमले की यह पांचवी घटना है। इनमे दो की जान चुकी है। जबकि तीन घायल हुए हैं। 29 मई को पतौर परिक्षेत्र में ही कुसमहा निवासी राम सोहावन बैगा पर हमला हुआ था। वह महुआ बीनने गया था। इसके अलावा नौ अप्रैल को खितौली रेंज की मेढऱा बीट में महुआ बीनने गई पप्पी बाई गोंड निवासी मेढ़की गांव को बाघ ने हमला कर मार दिया था। दूसरी मौत महामन कैम्प में कार्यरत श्रमिक चिंता बैगा (38) की हुई थी। एक अन्य घटना खितौली परिक्षेत्र में दर्ज हुई। युवक को बरही में भर्ती कराया गया था।
इनका कहना है
बांधवगढ़ में इंसान व मानव के बीच द्वंद को कम करने ग्रासलैंड बढ़ा रहे हैं। संरक्षित क्षेत्र के अलावा भी बाघों के लिए नए कारीडोर पर काम चल रहा है। आगे आने वाले समय में इससे काफी अच्छे परिणाम आएंगे।
विंसेंट रहीम, क्षेत्र संचालक बीटीआर
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।