पहाड़ियों से किया जा रहा अवैध उत्खनन, करना पड़ सकता है जलसंकट का सामना

Illegal excavation being done from hills, may have to face water crisis
पहाड़ियों से किया जा रहा अवैध उत्खनन, करना पड़ सकता है जलसंकट का सामना
राजस्व का नुकसान पहाड़ियों से किया जा रहा अवैध उत्खनन, करना पड़ सकता है जलसंकट का सामना

डिजिटल डेस्क, वर्धा। विकास के नाम पर और  पैसों के लालच में मनुष्य प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली  टेकड़ियों  से बड़े पैमाने में खनीज का उत्खनन कर उन्हें समतल बनाया जा रहा है। टेकड़ियांे से उतरनेवाला बारिश का पानी एक स्थान में जमा होता है, जिससे भूजलस्तर में वृद्धि होने में मदद होती है लेकिन  मानव इन टेकड़ियांे को खत्म कर रहा है। आगामी समय में मानव को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।  पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और प्राकृतिक संकट निर्माण हो सकता है। प्रकृित के चक्र में टेकड़ियां महत्वपूर्ण भूूमिका निभाते हैं। उनके उत्खनन के कारण पर्यावरण पर परिणाम होकर मानवी जीवन पर भी इस का विपरीत असर होता है। टेकड़ियों पर अनेक जैैवविविधता होती है, जोकि  पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण सािबत होती है लेकिन अब मानवी हस्तक्षेप के कारण यह खत्म हो रही है। प्रशासन टेकड़ियों से होने वाले खनीज के उत्खनन को रोककर हर टेकड़ी का जतन करने के लिए पहल  करनी चाहिए  अन्यथा प्राकृतिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। यहां से उतरनेवाला बारिश का पानी एक स्थान में जमा होता है, जिससे भूजलस्तर में वृद्धि होने में मदद होती है लेकिन  मानव इन टेकड़ियांे को खत्म कर रहा है। आगामी समय में मानव को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। जिले में शहर से सटे और  ग्रामीण क्षेत्रों की टेकड़ियों की तटबंदी थी परंतु अब महामार्ग, मकान व ले-आउट के निर्मिति के लिए मुरूम का उपयोग  बढ़ गया है। परिणाम स्वरूप टेकड़ियांे पर जेसीबी चलना शुरू होकर अल्पावधि में ये टेकड़ियांे जमीन से समतल हो जाएंगे। जिन स्थानों से खनीज का उत्खनन होता है, वहां बड़े बड़े गड्ढे तैयार हो गए हैं। इन गड्ढों में पानी जमा होकर यहा कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से अनेक लोगों की मौत हुई है। इस संदर्भ में जिला प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई नहीं होने से अवैध तरीके से  खनीज का उत्खनन करने वालों की जेब भर रही है लेकिन राजस्व काे नुकसान हो रहा है। टेकड़ियों से खनीज का उत्खनन करने के लिए संबंधितों को सरकार की ओर से अनुमति लेनी पड़ती है। इसके बाद रॉयल्टी भरकर खनीज का उत्खनन कर इस की ढुलाई की जा सकती है।  लेकिन शहर से सटे येलाकेली, खेरडा परिसर सहित अन्य क्षेत्रों  से अवैध तरीके से खनीज का उत्खनन होते दिखाई दे रहा है।  इस कारण प्रशासन को खदान परिसर में तार का कम्पाउंड तैयार कर वहां खतरों के संदर्भ में फलक लगाना आवश्यक है। 

Created On :   20 Oct 2021 7:44 PM IST

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