भोपाल के वीवीआईपी एरियों की मस्जिदों के इमामों का फूटा आक्रोश

imams of Mosque said to government for increasing wages
भोपाल के वीवीआईपी एरियों की मस्जिदों के इमामों का फूटा आक्रोश
भोपाल के वीवीआईपी एरियों की मस्जिदों के इमामों का फूटा आक्रोश

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अपने वेतन और भत्ते बढऩे का पिछले चौबीस सालों से इंतजार कर रहे भोपाल के पांच वीवीआईपी एरिया मस्जिद राजभवन, मस्जिद वल्लभ भवन, मस्जिद विधानसभा, मस्जिद पीएचक्यु और मस्जिद जेल के इमामों और मुअज्जिनों का आक्रोश फूट गया है और उन्होंने सीधे तौर पर राज्य सरकार को कहा है कि वे इन पांचों सरकारी महाकमों से सीधे उनका वेतन और भत्ता बढ़ाएं।

वर्ष 2013 में भी भोपाल की प्रशासन अकादमी में इमामों और मुअज्जिनों की राज्य स्तरीय यूनियन एमपी इमाम मुअज्जिन कमेटी ने इस संबंध में एक कार्यक्रम कराया था और यूपीए सरकार के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसमें भाग लेकर वेतन और भत्ते बढ़ाए जाने का आश्वासन दिया था और नई दिल्ली लौटकर करीब तेरह सौ करोड़ रुपए देशभर के राज्यों के वक्फ बोर्डों को ग्रांट दी थी परन्तु इसके बावजूद ए वेतन और भत्ते नहीं बढ़ाए गए। एमपी से राज्यसभा सदस्य और केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री बनी नजमा हेपतुल्ला ने इस बारे में पहल करना चाही थी परन्तु इसी बीच उन्हें राज्यपाल बना दिया गया। अब एक बार फिर एमपी इमाम मुअज्जिन कमेटी के सचिव हाफिज मोहम्मद अब्दुल्ला जोकि मस्जिद राजभवन भोपाल के इमाम भी हैं, सक्रिय हुए हैं औरउन्होंने शिवराज सरकार को लिखित में दिया है कि कम से कम उक्त पांच वीवीआईपी क्षेत्रों के परिसर में बनी मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों के वेतन और भत्तों में बढ़ौततरी की जाए। इसके पीछे कारण दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1993 में नेशनल वक्फ कौंसिल को आदेश दिए थे कि वह देशभर के सभी इमामों और मुअज्जिनों के वेतन और भत्ते बढ़ाए।

एमपी में करीब नौ हजार मस्जिदें हैं जिनमें करीब 18 हजार इमाम-मुअज्जिन हैं। भोपाल, सीहोर और रायसेन रियासत में मर्जर एग्रीमेंट की कुल साढ़े चार सौ मस्जिदें हैं। इन्हें एमपी वक्फ बोर्ड मासिक पारिश्रमिक देता है। लम्बे समय से इनका वेतन और भत्ता न बढ़ाए जाने की स्थिति में अब भोपाल के पांच वीवीआईपी क्षेत्रों के परिसर में बनी मस्जिदों के इमाम और मुअज्जिन चाह रहे हैं कि उन्हें वक्फ बोर्ड के स्थान पर ए वीवीआईपी सरकारी क्षेत्र सीधे बढ़ा हुआ वेतन और भत्ता दें। लेकिन वक्फ बोर्ड खस्ता हाल बताकर इनका पारिश्रमिक नहीं बढ़ा रहा है।

Created On :   18 Oct 2017 5:37 PM IST

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