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अतिक्रमण रहित हुई 9 हेक्टयर वन भूमि, अधिकारियों व कर्मचारियों के 26 दल कर रहे जंगलों की सर्चिंग
डिजिटल डेस्क, उमरिया। लगभग 82 हजार हेक्टयर क्षेत्र में फैले उमरिया वनमण्डल के वनों में भूमि अतिक्रमण और शिकार के अंदेशे की टोह लेने सर्चिंग की जा रही है। जिसमें समीपी गांवों के ग्रामीणों से भेंट कर उन्हें समझाइश व चेतावनी दी जा रही है। सोमवार को हुई इस सर्चिंग में अलग अलग स्थानों से 45 लाख रुपए मूल्य की 9 हेक्टयर भूमि खाली कराई गई। जिसमें कहीं तो आवास बनाने का प्रयास किया जा रहा था और कहीं खेती के लिए जुताई की जा रही थी।
जंगलों के समीपी गांवों के लोग प्रति वर्ष बरसात के समय जहां अपनी कुछ जमीन बढ़ा लेते हैं वहीं वे अपने खेतों के समीप की भूमि को भी हथियाने का प्रयास करते हैं। इसलिए वन विभाग ने इसकी रोकथाम करने अभियान चलाया है। विभागीय अमला इस बात की भी सुरागरशी कर रहा है कि कहीं शिकार के लिए करंट फैलाने तार तो नहीं लगाए गए हैं। इसकी गहन छान-बीन कर रहा है। क्योंकि रोपा लगने और मकाई के पौधे तैयार होने के बाद वन्यजीवों का खेतों की ओर आना अधिक हो जाता है। इस स्थिति में ग्रामीण करंट फैलाने का प्रयास करते हैं जो कि एक आपराधिक प्रक्रिया है। इससे बचने के लिए ग्रामीणों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है।
विभागीय टीमों ने की 260 किमी की यात्रा
बताया गया है कि घुनघुटी, नौरोजाबाद, चंदिया, पाली, उमरिया आदि सभी पांचों वन परिक्षेत्रों में पैदल भ्रमण के लिए विभाग ने अधिकारियों व कर्मचारियों के 26 दल गठित किए हैं। जिन्होने अपने क्षेत्र के अंदर 10 किमी वनों का पैदल भ्रमण कर अतिक्रमण और शिकार की संभावनाओं की स्थिति का जायजा लिया। साथ ही ग्रामीणों से भेंट कर चर्चा की। पूरे वन मण्डल में कुल 260 किमी का भ्रमण किया गया। इससे वनों की सुरक्षा भी बढ़ी है। भ्रमण के दौरान अमले को वनों के अंदर कहीं भी अवैध उत्खनन और परिवहन दिखलाई नहीं पड़ा।
इन गावों से हटे अतिक्रमण
बरसात के इस मौसम में लगभग सभी वन परिक्षेत्रों में भूमि अतिक्रमण का प्रयास किया गया था। जिसे समय रहते अमले ने हटा दिया है। नौराजाबाद वन परिक्षेत्र के पोड़ीकला वन भूमि में कुछ लोगों द्वारा 4 हेक्टयर भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। लोग बाड़ी लगाकर झोपड़ी बनाने का प्रयास कर रहे थे। उनकी मंशा वहां आवास निर्मित करने की थी। जिसे गश्ती दल ने तत्काल हटा दिया। इसके अलावा चंदिया रेंज के अखड़ार में आधा हेक्टर, उमरिया कोहका में आधा हेक्टयर, नौरोजाबाद में ही सस्तरा में एक हेक्टयर, पाली रेंज बरम टोला में आधा हेक्टयर, घुनघुटी के कांचोदर में आधा हेक्टयर भूमि पर भी अतिक्रमण किया गया था।
इसी तरह एक अन्य गांव में भी एक हेक्टयर भूमि इसी तरह खाली कराई गई। यहां ग्रामीणों द्वारा झोपड़ी निर्माण अथवा बाड़ी बनाकर खेती का प्रयास किया जा रहा था। इस वर्ष सर्वाधिक अतिक्रमण नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में किया गया था। जिसे समय रहते हटा दिया गया है। वनों के किनारे ग्रामीण चरागन भूमि के लिए भी अपनी खेती का रकबा बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
नहीं मिले तार व खूटिंयां
वन अमले द्वारा शिकार की संभावनाओं के लिए गहन छान-बीन और मुआयना किया गया लेकिन उन्हें कहीं भी खेतों के आसपास विद्युत सर्विस लाइन से कटिया फसी और खेतों में खूंटियां गड़ी नहीं दिखी। ग्रामीण अपने खेतों की वन्य जीवों से सुरक्षा करने तारों से कटिया फंसा कर नीचे लकड़ी की खूटियां गाड़ कर उसमें जीआई तार बांध देते हैं और कटिया उससे जोड़ देते हैं। जब रात में वन्य जीव खेतों की ओर आता है तो वह तारो में फंस कर अपनी जान गंवा बैठता है। प्रतिवर्ष इस तरह की कई घटनाएं होती हैं, लेकिन इसमें कभी कभी आदमी की भी जान चली जाती है। शिकार की घटनाओं को रोकने वन विभाग काफी संवेदनशील है। उसने पूर्व में भी एक अभियान चलाकर पूरे वनों में जांच की थी।
इनका कहना है
वनों की सुरक्षा के लिए सर्चिंग की गई है। इससे वनों की लगातार निगरानी होगी और वन संपदा की सुरक्षा बढ़ेेगी। भ्रमण के दौरान अतिक्रमण तो मिले और हटे भी लेकिन शिकार का प्रयास किया जाना कहीं नहीं मिला।
एमएस भगदिया, डीएफओ, उमरिया वनमण्डल
Created On :   25 July 2018 1:34 PM IST