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बिना व्यवस्थाओं के कर दिया गर्ल्स हॉस्टल का लोकार्पण, संसाधनों के बिना कैसे रहेंगी छात्राएं
डिजिटल डेस्क, उमािरया। शासकीय डिग्री कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल का गत शाम को प्रभारी मंत्री द्वारा लोकापर्ण कर दिया गया, लेकिन हॉस्टल मेंं असुरक्षा की स्थिति और संसाधनों की कमी पूर्ववत बनी हुई है। स्थिति यह है कि इस 50 सीटर हॉस्टल का दो वर्षों में केेवल भवन बनकर तैयार हुआ है, जबकि अन्य जरुरी सुविधाओं का अभाव है। महाविद्यालय की छात्राएं यहां रहेंगी कैसे इस सवाल का महाविद्यालय प्रशासन कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहा है। सर्वप्रथम हॉस्टल का कोई स्टाफ नहीं है, वार्डन व चपरासी तक की नियुक्ति नहीं हुई। इसके अलावा संसाधनों की कमी के कारण हॉस्टल संचालन को लेकर एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
शासन द्वारा छात्राओं की सुविधा के लिए वर्षों पहले हॉस्टल के लिए करोड़ों रुपए का व्यय किए गए, लेकिन हॉस्टल की सुविधा छात्राओं को आज तक नहीं मिल सकी। महाविद्यालय प्रशासन आज तक हॉस्टल की सुचारु व्यवस्था नही कर सका। 16 सौ छात्र संख्या वाले शासकीय उमरिया डिग्री कॉलेज में 7 सौ से भी अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं और इनमें सैकड़ों छात्राएं ग्रामीण अंचलों से आकर यहां पढ़ाई करती हैं। इन छात्राओं के लिए परेशानी होती है। यद्यपि शासन इनके किराए का भुगतान करता है, लेकिन फिर भी दूर दराज बस्तियों में घर लेकर रहना और वहां से आने जाने में परेशानी होती है।
लोकार्पण के बाद भी रहेगा सन्नाटा
हॉस्टल में अभी तक न तो बिजली की सुविधा उपलब्ध हो सकी है और न बोरिंग चलाने की व्यवस्था है, इसलिए सर्वप्रथम तो यहां बिजली व पानी की ही सुविधा नहीं है। ऐसी स्थिति में छात्राएं कैसे रह पाएंगी?, हॉस्टल दिन डूबने के बाद से अंधकार में डूब जाता है। बताया गया कि यहां के लिए खंभे से सर्विस लाइन खींची जानी है, लेकिन न तो खंभा लग पा रहा है और न तार खींचा जा रहा है। इसलिए यहां बिजली की सुविधा नहीं है। पानी के लिए यहां बोर कराया गया है, लेकिन बिना बिजली के मोटर नहीं चलती और उसका भी उपयोग नहीं हो पाता है। महाविद्यालय प्रशासन अभी तक इतनी व्यवस्था नहीं कर सका।
पलंग, गद्दा नहीं, कौन चलाएगा मेस?
हॉस्टल में अभी तक छात्राओं के विश्राम के लिए पलंग गद्दे नहीं भेजे गए हैं। जबकि महाविद्यालय द्वारा एक अर्से से प्रयास किए जा रहे हैं। बिस्तरों के बिना छात्राएं सोएंगी कैसे इसकी समस्या है। बताया गया कि पलंग गद्दे आदि की सप्लाई शासन स्तर से की जानी है, जिसके लिए लगातार पत्राचार किया जाता रहा, लेकिन अभी तक सप्लाई नहीं दी गई। अब महाविद्यालय को अपने स्तर से 50 पलंग और गद्दों की व्यवस्था करनी पड़ेगी। लोकार्पण के पूर्व इन बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं की गई। इसके अलावा छात्राओं के लिए भोजन की भी कोई व्यवस्था नही है। मेस के लिए बर्तन, कर्मचारी व सामान नहीं है। छात्राएं कहां खाना खाएंगी इसका भी कोई जवाब नहीं है।
न वार्डेन न बाउण्ड्रीवाल
हॉस्टल की देखरेख के लिए अभी तक न तो वार्डन की नियुक्ति हुई है और न चपरासी रखा गया है। छात्राओं के इस हॉस्टल में बाउण्ड्रीवाल भी नहीं बनवाई गई है। इस स्थिति में हॉस्टल में छात्राओं का रहना संभव प्रतीत नहीं होता है। बताया गया कि बाउण्ड्रीवाल निर्माण के लिए कई बार शासन को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई मार्गदर्शन नही मिला था। बाउण्ड्रीवाल व मेनगेट बिना हॉस्टल का संचालन असुरक्षित रहेगा। रात के समय यहां रोशनी नही रहने से हॉस्टल भवन अंधकार में घिरा रहता है।
इनका कहना है
इस सत्र से हॉस्टल चालू किया जाना था, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, व्यवस्थाएं शासन स्तर से ही की जा सकती हैं इसलिए शासन को लिख कर मांग की गई है।
डॉ. एमएन स्वामी, प्रशासनिक अधिकारी डिग्री कॉलेज, उमरिया
Created On :   22 Jun 2018 2:38 PM IST