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कुपोषित बच्चों की संख्या में हो रही वृद्धि, आंकाड़ा 27 हजार के पार
डिजिटल डेस्क कटनी। जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की संख्या 27 हजार के पार हो गई है। विभागीय लापरवाही के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों में मुनगा के पौधे सूख गए है। वहीं, इस संबंध में विभाग का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में चालीस फीसद मुनगा के पेड़ जीवित है।मानक स्तर का पोषण आहार न मिलने से 2618 बच्चे अति कुपोषित है। कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा होने के पीछे मानक के अनुरूप पोषण आहार न दिया जाना बताया जा रहा है।
कागज में लग गए मुनगा
कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों को मुनगा खिलाया जाना था। शासन द्वारा स्वीकृत 18645 पौधे कागजों पर लगा दिए गए। विभाग का दावा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभी भी 40 फीसद पौधे जीवित है। शेष पौधे गर्मी और बरसात के समय सूख गए थे। इस संबंध में डॉ.सुनील त्रिपाठी ने बताया कि शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों को मुनगा खिलाना फायदेमंद साबित होता है। इकमें कई तत्व ऐसे मिलते है, जिनसे बच्चों की हड्डिया तेजी के साथ मजबूत होती है।1710 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 हजार बच्चे अति कुपोषित, कागजों पर लगा दिए 18 हजार मुनगा के पौधे ।
आकड़े पर एक नजर
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1710 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 27 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों की संख्या दर्ज है। मानक स्तर का पोषण आहार न मिलने से 2618 बच्चे अति कुपोषित है। कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा होने के पीछे मानक के अनुरूप पोषण आहार न दिया जाना बताया जा रहा है। इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय पोषण आहार संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में भी दी थी। मुनगा के पौधे आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाएं गए थे। बारिश और ठंड मेंकाफी पौधे सूख गए। कुपोषण मिटाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।
- प्रतिभा पांडेय, डीपीओ
Created On :   17 March 2018 3:00 PM IST