- लॉकडाउन से अनलॉक तक, लोगों के जीवन स्तर में आई गिरावट: सर्वे
- दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देशभर में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ किया।
- मैं TMC के साथ हूं। यही समय है, जिनको TMC से प्यार है, वो TMC के साथ रहेंगे: TMC नेता शताब्दी रॉय
- भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 15,158 नए मामले सामने आए। 175 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,52,093 हो गई है।
- इंडोनेशिया में कम से कम 42 लोगों की मौत, भूकंप ने घरों और इमारतों को किया क्षतिग्रस्त
छोटी सिंचाई परियोजना को प्राथमिकता से बनाने के निर्देश -

डिजिटल डेस्क, रायसेन। जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि आदिवासी विकासखण्डों में छोटी सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता से बनाया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्रों में छोटी जोत के खेतों मे आसानी से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। अन्य विभागों के साथ समन्वय में जल संवर्धन योजना भी शुरू करने पर विचार करें। श्री सिलावट ने कहा कि नए वर्ष में जलसंसाधन विभाग का रोड मैप बनाया जाए जिससे मप्र के समन्वित विकास में बेहतर भूमिका निभाई जा सके। जल संसाधन विभाग आने वाले समय में बनने वाले बांध और अन्य परियोजनाएँ बनाते समय आगामी 50 वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाएं। इसके साथ ही प्रदेश के बांधों और नहरों का ऑडिट और वर्तमान उपयोगिता रिपोर्ट बनाएं जिससे परियोजना की लागत और आवश्यकता अनुसार कार्य कराया जा सके। सभी अधिकारी सप्ताह में 3 दिन फील्ड में रहकर, निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरन्तर निरीक्षण हो और सभी काम समय-अवधि में पूरे किए जाएं। इसके लिए विभाग की ओर से सभी परियोजनाओं का समयबद्ध चार्ट भी बनाया जाए। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, अपर सचिव श्री विकास नरवाल, प्रमुख अभियंता श्री डावर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री श्री सिलावट ने प्रदेश में जल संचयन और संरक्षण अभियान के लिए कार्ययोजना बनाए जाने और नदी पुनर्जीवन अभियान के लिए भी जिला स्तर पर कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही विभाग के सभी तालाबों का गहरीकरण, पौधारोपण और अन्य इसी प्रकार के कार्य कराए जाने के निर्देश दिए। श्री सिलावट ने विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेम, तालाब और नहरों के आसपास के सभी आतिक्रमण सख्ती से हटाए जाएं। इस कार्य को एक माह में पूरा किया जाए तथा सम्बन्धित अधिकारी से अतिक्रमण नहीं होने का प्रमाण-पत्र लिया जाए। मंत्री श्री सिलावट ने बैठक के पूर्व कोलार रोड स्थित बौधी (ब्यूरो ऑफ डिजाइन और हाइड्रल पॉवर इन्वेस्टिगेशन) कार्यालय का निरीक्षण किया और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उसके बाद कार्यालय का पुनः अचानक निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।