जांजगीर-चांपा : योजनाओं का क्रियान्वयन ऐसा करें ताकि उसका सकारात्मक परिणाम आए
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क, जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा एवं जिले के प्रभारी सचिव श्री धनंजय देवांगन ने आज कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे शासन की कल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करें। ताकि इनका लाभ लक्षित वर्गों को मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन कर समय पर लक्ष्य पूरा करें। श्री देवांगन ने कहा कि योजनाओं से पात्र हितग्राही लाभान्वित हो यह सुनिश्चित करें। बैठक में कलेक्टर श्री यशवंत कुमार, एसपी श्रीमती पारूल माथुर, डीएफओ श्रीमती प्रेमलता यादव, अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम, श्री एसएस पैकरा, जिला पंचायत सीईओं श्री तीर्थराज अग्रवाल , डिप्टी कलेक्टर श्री पैकरा, सहित अन्य प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। श्री देवांगन ने विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं के साथ जागरुकता और व्यवहार परिवर्तन से कुपोषण से मुक्ति के लिए कारगर हो सकती है। कुपोषण का संबंध गरीबी से नही है। दैनिक व्यवहार और खानपान में सकारात्मक परिवर्तन लाकर कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सकती है। प्रभारी सचिव ने हितग्राहियों को परामर्श देने के लिए जिला प्रशासन के प्रयास की सराहना की। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी से कहा कि कुपोषित बच्चों और एनीमिक महिलाओं को योजनाओं के तहत लाभ दें। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए परामर्श कर खानपान व व्यवहार परिवर्तन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार प्राथमिकता से मिले यह सुनिश्चित किया जाए। प्रभारी सचिव ने समाज कल्याण विभाग के उप संचालक से कहा कि निराश्रित पेंशन पाने वाले हितग्राहियों की जानकारी राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। ऐसे निराश्रित हितग्राही जिसके पाल्य भरण पोषण के लिए सक्षम है, उन्हे भरण पोषण दिलाने की कार्यवाही की जा सके। प्रभारी सचिव ने सुराजी गांव येजना की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है। गौठान, चारागाह और बाड़ी के लिए सरकार द्वारा सिंचाई, भूमि सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी है कि वे गौठान, चारागाह और बाड़ी को आत्मनिर्भर बनाए ताकि इनका संचालन वे स्वयं कर सकें। शासन की मंशानुसार गौठानों को आजीविका केन्द्र के रुप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सुराजी गांव येजना से संबंधित स्वीकृत कार्य समय पर पूरा करने के निर्देशित किया। बैठक में उन्होंने रेशम विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग, मनरेगा, परिवार एवं स्वास्थ विभाग, आदिवासी विकास विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में अधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
Created On :   8 Jan 2021 8:17 AM GMT