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तीन किलोमीटर तक कंधे पर बॉडी रख पैदल चले ग्रामीण
डिजिटल डेस्क, कटनी। एक महिला के शव को लाठियों के सहारे बांध कंधे पर लादकर करीब 3 किमी तक पैदल चलकर ले जाए जाने का दृश्य जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं सहित मूलभूत सुविधाओं के अभाव को प्रदर्शित करने के लिए काफी है। यह नजारा सोमवार को विजयराघवगढ़ थानान्तर्गत ग्राम खिरवाखुर्द में देखने को मिला। इसे देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। जहां गाज की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई थी, जहां प्रशासन का अमानवीय चेहरा उजागर होने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव दिखा।
नहीं है पहुंच मार्ग खिरवाखुर्द तक
ग्राम खिरवाखुर्द निवासी शांति बाई पति बाबूलाल 55 वर्ष की रविवार की शाम गाज की चपेट में आने से मौत हो गई थी। जिसका शव परीक्षण कराए जाने के उपरांत सोमवार को बॉडी परिजनों को सौंप दी गई। लेकिन परिजनों के सामने बॉडी को गांव तक ले जाने की समस्या आ खड़ी हुई। पहुंच विहीन होने की वजह से शव को किसी भी वाहन से गांव तक ले जाना काफी मुश्किल भरा था। ऐसे में परिजनों द्वारा शव को नाव पर रखकर महानदी पार करा ग्राम लूली लाया गया। जहां से परिजनों द्वारा बॉडी को कपड़े के सहारे लाठियों से बांधकर कंधे पर लादा गया एवं परिजन करीब तीन किमी तक पैदल चलकर बॉडी को खिरवाखुर्द गांव लेकर पहुंचे जहां उसका अंतिम संस्कार कराया गया।
प्रशासन ने नहीं किया बोट का इंतजाम
ग्रामीणों का कहना था कि शव को खिरवा खुर्द ले जाए जाने के प्रशासन द्वारा न तो वाहन का इंतजाम कराया गया और न ही बोट का। जबकि हर वर्ष प्रशासन द्वारा नदीपार कराए जाने तथा शव को ले जाए जाने के लिए बोट का इंतजाम कराया जाता था। जिसकी वजह से उन्हें स्वयं नाव का इंतजाम करना पड़ा तथा बॉडी को भी कंधे पर ढोना पड़ा। बारिश दौरान महानदी का जल स्तर बढऩे पर खिरवा खुर्द गांव टापू में तब्दील हो जाता है।
एसडीएम का कहना कि मृतका के परिजनों द्वारा प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई थी अन्यथा प्रशासन द्वारा शव को ले जाए जाने के लिए वाहन अथवा बोट का इंतजाम किया जाता। खिरवाखुर्द गांव पहुंचविहीन नहीं है। लेकिन शॉर्टकट की वजह से परिजनों द्वारा यह रूट अपनाया गया।
Created On :   17 July 2017 11:47 PM IST