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मानहानि मामले में केके मिश्रा को सजा, आधे घंटे के अंदर जमानत
डिजिटल डेस्क. भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह के मानहानि मामले में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा को भोपाल जिला अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ ही केके मिश्रा पर 25 हजार जुर्माना भी लगाया है। बता दें मामला 2015 का है जब मिश्रा ने परिवहन आरक्षक भर्ती में चयनित 19 लोगों के तार सीएम की पत्नी साधना सिंह जुड़े होने की बात कही थी। एडीजे काशीनाथ सिंह की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। इस मामले तुरंत 50 हजार के मुचलके पर रिहा होते ही मिश्रा ने फिर वही तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के फैसले का पूर्वानुमान था। ऐसा फैसला देश में पहली बार आया है जिसमें भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले को ही सजा दे दी गई है।
क्या था मामला ?
दरअसल प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने 7 मार्च 2015 को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया था कि व्यापमं के जरिए सीएम की ससुराल गोंदिया से 19 लोगों का परिवहन आरक्षक भर्ती में चयन हुआ है। इसके बाद सीएम ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। बता दें केके मिश्रा इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जहां पर उन्होंने परिवाद को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने का अपील की थी, लेकिन उन्हें इस मामले में राहत नहीं मिली। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई लोगों के बयान अदालत में दर्ज किए गए थे।
कौन हैं केके मिश्रा ?
केके मिश्रा मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं। व्यापम समेत अन्य मामलों पर वो लगातार सरकार और मुख्यमंत्री पर हमला बोलते रहे हैं। हालांकि कोर्ट का फैसला मिश्रा और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मानहानि के मामले में इस तरह सजा का असर आगे की राजनीति पर भी पड़ना तय माना जा रहा है।
शिवराज ने बताई सत्य की जीत
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के लगाए गए आरोप गलत साबित होने पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने ट्वीट कर इसे सत्य की जीत बताया है।
सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः ।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 17, 2017
सत्येन वायवो वान्ति सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम् ॥
भ्रष्टाचार उजागर करने वाले को मिली सजा : मिश्रा
वहीं फैसला आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि मैं न्यायालयीन फैसले का सम्मान करता हूं। मुझे इसी तरह के फैसले का पूर्वानुमान था। उन्होंने कहा कि शायद ये देश का पहला मामला होगा जिसमें किसी भ्रष्टाचार करने वाले की जगह उजागर करने वाले को सजा मिली हो। उन्होंने कहा कि इसे ही कलयुगी न्याय कहते हैं कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जहां 3 हजार शिक्षकों की अवैध नियुक्तियों को लेकर जेल में हैं ,वहीं हमारे मुख्यमंत्री 1 लाख 40 हजार पात्र बच्चों के भविष्य के आगे अंधेरा परोसने के बाद स्वतंत्र घूम रहे हैं? मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी अब तो आप मुझे सजा दिलवाकर खुश होंगे, लेकिन मैं आपको यह स्पष्ट कर दूं कि ऐसे कई फैसले भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी आवाज को बंद नहीं कर पाएंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर इस फैसले ने मुझे और भी अधिक शक्ति दी है।
Created On :   17 Nov 2017 3:23 PM IST