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बांधवगढ़ पनपथा बफर में पहाड़ी के नीचे मिला तेंदुए का शव
डिजिटल डेस्क उमरिया। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा बफर में एक तेंदुआ मरा हुआ मिला है। एक दिन पूर्व गश्ती दल को मंगलवार सुबह दिखा। पहले तो वनकर्मी छिपा हुआ मानकर चले गए। फिर दोबारा देखे जाने पर कोई मूवमेंट न देख उन्हें शंका हुई। अपने रेंजर वीरेन्द्र ज्योतिषी को सूचना दी। बांधवगढ़ डायरेक्टर समेत आला अफसरों की टीम वहां पहुंची। जांच कर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। बुधवार को तेंदुए का पीएम कराते हुए अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बांधवगढ़ प्रबंधन के अनुसार पनपथा (बफर) परिक्षेत्र के बीट खुसरिया के कक्ष क्रमांक आरएफ-192 में इसे देखा गया था। गश्ती के दौरान वनरक्षक एवं पेट्रोलिंग दल के सदस्य वहां से गुजर रहे थे। चंूकि समीप ही खड़ी पहाड़ है इसलिए दल ने 20 जनवरी को देखने पर सोचा तेंदुआ वहां छिपा हुआ है। अगले दिन फिर उन्हें उसी जगह समान मूवमेंट पर उन्हें वन्यजीव दिखा। अनहोनी के अंदेशे पर वनरक्षक द्वारा अपने उ"च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व विन्सेन्ट रहीम, प्रभारी उप संचालक अंकित पाण्डेय, उप वनमण्डलाधिकारी ताला के शुक्ला, वन परिक्षेत्र अधिकारी पनपथा बफर व्हीके ज्योतिषि झुलना नाला के पास पहुंचे। पहाड़ी पर घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया। शव के गर्दन समीप मुंह में चोट के निशान दिखे हैं। मृत तेंदुआ तकरीबन एक वर्ष की मादा थी। शरीर में पैर के पंजे, पूंछ, मूंछ के बाल आदि सही सलामत पाए गए हैं। मुंह के अलावा शावक के शरीर में कहीं भी चोंट के निशान नहीं पाए गए। केवल शावक की आंख, मुंह, नाक क्षतिग्रस्त हैं। माना जा रहा है कि किसी अन्य वन्यजीव द्वारा काटने या खाने के फलस्वरूप हुए होंगे। मौके पर वन्यजीव सहायक शल्य एवं अन्य वन्यजीव चिकित्सक को बुलाकर शव विच्छेदन किया गया है। क्षेत्र संचालक की उपस्थिति में मृत्यु के कारण के संबंध में विश्लेषण के लिए सैम्पल लिए गए। तदुपरांत क्षेत्र संचालक एवं अन्य अधिकारियों के समक्ष मादा तेन्दुआ का शव जलाकर समस्त अवयवों सहित पूर्णत: नष्ट किया गया। चूंकि स्थल में पहाड़ के पत्थर हैं इसलिए अन्य जीव के पगमार्ग नहीं दिखे। फिर भी यहां बाघ के साथ ही अन्य जीवों का मूवमेंट होना बताया गया है।
Created On :   22 Jan 2020 10:42 PM IST