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फेयर फूड्स लिमिटेड से 42 लाख रुपए नहीं वसूल सकी मंडी
तीन दिन का रहा अल्टीमेट, बीस दिन में रिकव्हरी नोटिस का जवाब भी नहीं मिला
डिजिटल डेस्क कटनी । मंडी एवं निराश्रित शुल्क में पहले तो निरीक्षक आंख बंद किए रहे। जिसका नतीजा यह रहा कि फेयर फूड् ओवरसीज लिमिटेड ने शहर के अंदर ही चावल के खेल में 42 लाख रुपए बचा लिया। कृषि उपज मंडी के अधिकारियों और निरीक्षकों को भनक लगी तो वे राजनीतिक दवाब में इस मामले से दूरी बनाए रखने में ही भलाई समझे। इसके बावजूद भोपाल मंडी बोर्ड के अफसरों ने जांच करते हुए कमीशन के रंग को बेरंग कर दिया। दस्तावेजों की जांच में यह बात उजागर हुई कि सामान्य चावल को बासमती बताकर कंपनी ने नियम विरुद्ध छूट लिया था। लाखों रुपए की रिकव्हरी निकाली और उसे वसूलने के निर्देश दिए तो अब कटनी कृषि उपज मंडी के अधिकारियों को पसीने छूट रहे हैं। रिकव्हरी का नोटिस दिए हुए बीस दिन से अधिक का समय बीत चुका है, फिर भी मंडी के खजाने में फूटी कौड़ी नहीं आई। जिसके बाद कंपनी ने दोबारा कंपनी से राशि जमा करने की मिन्नतें की है। अफसरों ने कहा कि यह अवसर अंतिम बार दिया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी। गौरतलब है कि फेयर फूड्स लिमिटेड की कारस्तानी पिछले कई माह से सुर्खियों में है। पहले मंडी शुल्क को लेकर यह कंपनी चर्चा में रही।
पूरे मामले पर एक नजर
यह मामला चार वर्ष पुराना रहा। मंडी शुल्क बचाने के चक्कर में कंपनी ने सामान्य चावल को ही बासमती चावल बता दिया था। करीब आठ माह पहले भोपाल के धिकारियों ने कटनी में दबिश दी और कंपनी के दस्तावेज खंगाले तो झूठ बेनकाब हो गया। 42 लाख रुपए की गड़बड़ी पाई गई। रिकव्हरी की कार्यवाही शुरु हुई तो कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां पर अक्टूबर माह में उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने सिंगल बैंच द्वारा दिए गए स्थगन को हटाने का आदेश पारित किया था। जिसके बाद फिर से रिकव्हरी को लेकर मंडी प्रबंधन ने नोटिस दिया था।
इनका कहना है
फेयर फूड्स लिमिटेड ने 42 लाख रुपए की रकम अब तक जमा नहीं की है। एक बार और राशि जमा करने के लिए पत्र लिखा है। यदि इसके बाद भी राशि जमा नहीं की
जाती है तो लाइसेंस निरस्ती के साथ राजस्व वसूली की कार्यवाही की जाएगी।
-पीयूष शर्मा, सचिव
Created On :   4 Nov 2020 6:06 PM IST