पॉलिस्टर के तिरंगों में पाई गईं कई प्रकार की खामियां

Many types of flaws were found in the tricolors of polyester
पॉलिस्टर के तिरंगों में पाई गईं कई प्रकार की खामियां
वर्धा पॉलिस्टर के तिरंगों में पाई गईं कई प्रकार की खामियां

डिजिटल डेस्क, वर्धा, अमित शामडीवाल। देश भर में इस साल आजादी का 75 वां अमृतमहोत्सव मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाने की घोषणा की गई है। जिसके चलते जिले में गुजरात के सुरत की कंपनी से मंगाए गए पॉलिस्टर के तिरंगों में से अब तक 25 हजार तिरंगों में विविध प्रकार की खामिया पाए जाने से उन्हे रिजेक्ट किया गया है। बता दें कि 22 जुलाई को केंद्र सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य था कि तिरंगे के प्रति सम्मान और जुड़ाव को बढ़ाना है। परंतु तिरंगे का खादी से निर्माण करने वाले खादी उद्योजको के पास लक्ष्य को पूरा करने का समय कम होने के कारण केेंद्र सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत पॉलिस्टर और सैटिन के तिरंगों को मंजूरी दी गई। लेकिन गुजरात की कंपनियों से बिक्री के लिए आ रहे पॉलिस्टर और सैटिन के तिरंगों में विविध प्रकार की खामियां होने के कारण जिला प्रशासन ने ऐसे हजारों झंडों को रिजेक्ट किया गया है। भारतीय झंडा संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय झंडे पर तीन अलग-अलग पट्टियां होगी जो समान चौड़ाईवाली तीन आयताकार पट्टियां होगी। तीन पट्टियों में सबसे ऊपर की पट्टी में केसरी रंग और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी होगी। बीच की पट्टी सफेद रंग की होगी जिसके बीचोबीच बराबर की दूरी पर नेवी ब्लू रंग में 24 धारियों वाला आशोक चक्र बना होगा परंतु हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत बिक्री किए जा रहे पॉलिस्टर के अनेक तिरंगों में तिरंगे की चौड़ाई बराबर नहीं होने के साथ-साथ अशोक चक्र भी बीचोंबीच नहीं है। साथ ही तीनों रंग की पट्टियों में भी बहुत खामियां देखी जा रही है जो कि भारतीय झंडा संहिता के विरुद्ध है।

बढ़ाए गए दाम भी

पॉलिस्टर के तिरंगों में खामियां रहने के बावजूद मांग बढ़ने के कारण कंपनी द्वारा दाम में बढ़ोत्तरी की गई है। जहां पहले कंपनी प्रशासन को 24 रुपए में तिरंगा सप्लाई कर रही थी वह मांग बढ़ जाने के कारण उसके दाम बढ़ाकर 28 रुपए कर दिया है। जिसके कारण सामान्य नागरिको को 30 रुपए में मिलने वाला तिरंगा अब 40 रुपए में मिल रहा है। 

ऑर्डर किया था कैंसिल
मनीष कावडे, जिला व्यवस्थापक, मार्केटिंग के मुताबिक हर घर तिरंगा अभियान के चलते जिला प्रशासन ने दिए 16 हजार 408 पॉलिस्टर तिरंगों में से साढ़े 6 से 7 हजार तिरंगों में खामियां होने के कारण पहले आर्डर को जिला प्रशासन की ओर से कैन्सल किया गया था। मंगवाए गए तिरंगों में से अब तक 20 से 25 हजार तिरंगे डिफेक्टिव पाए गए हैं। 

पेमेंट के बाद ही कंपनी कर रही सप्लाई

हर घर तिरंगा अभियान के चलते पॉलिस्टर तिरंगों की सप्लाई करने वाली कंपनियां पहले पैसे ले रही है, उसके बाद ही तिरंगों की सप्लाई कर रही है और साथ ही तिरंगों में निकलने वाली खामियों की जिम्मेदारी से भी हाथ झटक रही है। जिसके कारण रिजेक्ट किए गए झंडों का फटका प्रशासन के मत्थे चढे़गा। जिससे सरकारी निधि का अपवय होगा।
 

Created On :   13 Aug 2022 7:48 PM IST

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