बिना आदेश के ननि में काम कर रहे आधा सैकड़ा युवा

Many youth working in the municipal corporation without order
बिना आदेश के ननि में काम कर रहे आधा सैकड़ा युवा
बिना आदेश के ननि में काम कर रहे आधा सैकड़ा युवा

डिजिटल डेस्क कटनी। नगर निगम में भर्राशाही का आलम यहां तक जा पहुंचा है कि बिना किसी आदेश के नगर निगम कार्यालय के विभिन्न विभागों में आधा सैकड़ा से अधिक युवा काम कर रहे हैं, लेकिन इनके नाम न तो नगर निगम के किसी भी विभागीय दस्तावेज में दर्ज हैं और न ही ये युवा किसी नियमित, संविदा अथवा दैनिक वेतनकर्मी के पद पर हैं। बिना किसी नियुक्ति आदेश के तथा बिना किसी पद के नगर निगम में कार्य कर रहे ऐसे दर्जनों युवाओं की नगर निगम के विभागों में खासी दखल देखी जा रही है। यहां तक कि अधिकारियों की गैरमौजूदगी में ये युवा न सिर्फ उनका कार्यालय सम्भालते हैं, बल्कि विभागीय तथा गोपनीय दस्तावेज भी इन युवाओं के हाथों में देखे जा सकते हैं।
अधिकारी, कर्मचारी तथा जनप्रतिनिधियों की मौन स्वीकृति
नगर निगम में व्याप्त इस भर्राशाही को न सिर्फ नगर निगम के आला अधिकारियों, कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों की मौन स्वीकृति प्राप्त है, बल्कि इन्हीं की सांठगांठ से यह भर्राशाही पनपी हुई है। सूत्र बताते हैं कि नगर निगम में खासा रसूख रखने वाले सत्तापक्ष तथा विपक्ष के पार्षदों सहित अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा अपने चहेतों को नगर निगम कार्यालय में बिना किसी आदेश के अटैच कराकर उपकृत किया जा रहा है।
वारदात के बाद सामने आया था यह मामला
गौरतलब है कि कुछ महीनों पूर्व नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता, नालों की सफाई तथा हाका गेंग में बिना किसी आदेश के तथा मस्टर रोल में शामिल किए बगैर दर्जनों बेरोजगार युवाओं को शामिल कर लिया गया था। जिनके द्वारा अतिक्रमण हटाने तथा मवेशियों को हांकने की आड़ में जमकर अवैध वसूली की जा रही थी। करवा चौथ के दौरान सुभाष चौक में इन युवाओं द्वारा उत्पात मचाते हुए कुछ करवा विके्रता महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी। जिसकी शिकायत जब नगर निगम पहुंची तब पतासाजी करने पर वरिष्ठ अधिकारियों को यह जानकारी लगी कि बिना किसी आदेश के ऐसे दर्जनों युवाओं को अतिक्रमण दस्ता व हांका गेंग में शामिल किया गया है। जिसके बाद तत्काल इन युवाओं को चलता कर दिया गया था।
ऐसे हो रहा भुगतान
नगर निगम कार्यालय के विभिन्न विभागों में बिना किसी आदेश के तैनात इन युवाओं को उक्त विभाग प्रमुख अथवा अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा अपने वेतन में से दो से तीन हजार रूपए बतौर वेतन दिए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अपने काम का बोझ कम करने तथा मनमाने ढंग से कार्य करने के लिए ऐसे युवाओं को नगर निगम में बिना किसी आदेश के रखा गया है।
इनका कहना है
  नगर निगम में बिना किसी आदेश के अवैध रूप से किसी भी युवा के काम करने की जानकारी मुझे नहीं है। आपके द्वारा इसे संज्ञान में लाया गया है। मैं इसकी जांच करवाउंगा यदि नगर निगम के किसी भी विभाग में इस प्रकार से अवैधरूप से कर्मचारी रखे जाने की पुष्टि होती है तो विभाग प्रमुख सहित कर्मचारी रखने वाले एवं उक्त कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
- संजय जैन, आयुक्त नगर निगम

 

Created On :   4 Dec 2017 1:36 PM IST

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