मांगें पूरी करो तब चलाएंगे बसें - शासन के अनुरोध पर भी नहीं हिले बसों के पहिए

Meet the demands then the buses will run - the wheels of the buses do not move
मांगें पूरी करो तब चलाएंगे बसें - शासन के अनुरोध पर भी नहीं हिले बसों के पहिए
मांगें पूरी करो तब चलाएंगे बसें - शासन के अनुरोध पर भी नहीं हिले बसों के पहिए

डिजिटल डेस्क कटनी । प्रदेश सरकार द्वारा फुल क्षमता से यात्री बसें चलाने का भले ही निर्णय लिया गया है लेकिन बस ऑपरेटर बसें चलाने तैयार नहीं है। बस संचालकों का दो टूक कहना है कि पहले उनकी मांगें मानी जाएं तभी बसें चलाएंगे उसके पहले नहीं।  जिले के विभिन्न मार्गों पर डेढ़ सौ बसों का संचालन होता है। लॉक डाउन से बसों का संचालन पूरी तरह बंद है। पांच माह से बसें खड़ी हैं, जिससे ड्राइवर, कंडक्टर, खलासी, बुकिंग एजेंट सहित तीन हजार से अधिक लोगों का रोजगार छिन गया है। बस संचालक मांगें पूरी कराने अड़े हैं। जिससे शासन के निर्णय के बाद भी जिले में बसों के पहिए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
यह हैं प्रमुख मांगें
बस आपरेटर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बी.एल.द्विवेदी ने बताया कि संगठन  ने पूर्व में  प्रदेश शासन को नौ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था। जिसमें असंचालित वाहनों की टैक्स माफी चाही गई थी। जुलाई 2020 से दिसम्बर 2020 तक टैक्स माफ करने, दिसम्बर तक टोल टैक्स में छूट देने की मांग की गई है। फार्म के की सुविधा असीमित अवधि के लिए देने, यात्री किराया में 60 प्रतिशत की वृद्धि करने, मोटरयान कर एवं शास्ति से छूट बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक करने, सभी बसों की बीमा पॉलिसियों में छह माह की वृद्धि करने की, फायनेंस वाली बसों की किश्त में दिसम्बर तक छूट देने  की मांग रखी है। इसके अलावा ड्राइवर-कंडक्टर वेलफेयर स्कीम 2015 के तहत सभी ड्रायवर, कंडक्टर, खलासी का पंजीयन कर उन्हें उपयुक्त आर्थिक सहायता देने की मांग भी ज्ञापन में की थी।
 

Created On :   21 Aug 2020 6:11 PM IST

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