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केबिनेट : विलम्ब करने के बाद भी टीसीएस को मिलेगा काम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में केबिनेट की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा संचालित एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली परियोजना के अंतर्गत अतिरिक्त नवीन कार्यों के लिए टीसीएस यानि टाटा कन्सल्टेंसी सर्विस द्वारा प्रस्तुत चेंज रिक्वेस्ट मानव दिवसों का मूल्यांकन वित्त विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के समन्वय से तकनीकी विशेषज्ञों की समिति से कराया जाए। यह समिति मूल्यांकन रिपोर्ट समय-सीमा पर आयुक्त कोष एवं लेखा को प्रस्तुत करेगी। गौरतलब है कि टीसीएस कंपनी द्वारा एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली परियोजना में काफी विलम्ब किया गया है तथा उस पर पेनाल्टी लगाने की तैयारी थी।
केबिनेट की बैठक के बाद पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने मीडिया को बताया कि छात्रवृत्ति कक्षा 11 वी, 12 वी एवं महाविद्यालयीन योजना अंतर्गत अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की आय सीमा का बंधन समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कक्षा एक से पीएचडी तक शासकीय और शासकीय स्वपोषित शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। पर्यावरण विभाग के लिए 12 अस्थाई पदों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है।
मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि पीएचई विभाग के अधीन कार्यरत संविदा हैंडपम्प तकनीशियनों को देय मानदेय 65 रुपए प्रति हैंडपम्प के स्थान पर अधिकतम 120 हैंडपम्प के लिए 75 रुपए प्रति हैंडपम्प की दर से भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। केबिनेट ने दिसम्बर 2017 से सहरिया, बैगा एवं भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियों के परिवारों को कुपोषण से मुक्ति के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। यह राशि परिवार की महिला मुखिया के खाते में जमा की जाएगी। इस योजना से सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति के लगभग ढाई लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
स्मार्ट फोन प्रदाय योजना जारी रहेगी :
मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत प्रथम वर्ष में प्रवेश्ति विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन प्रदान करने की योजना को निरन्तर रखने का केबिनेट ने निर्णय लिया है। योजना में शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को उनकी 75 प्रतिशत नियमित उपस्थिति दर्ज होने के उपरान्त स्मार्ट फोन का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। केबिनेट ने वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए 154 करोड़ रुपए की व्यय सीमा तक योजना निरन्तर रखने की स्वीकृति प्रदान की। इस योजना से महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इंटरनेट और अन्य साफ्टवेयर के प्रयोग से नवीन जानकारी प्राप्त कर अध्ययन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने में सहायता प्राप्त होगी।
मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए केबिनेट ने अशासकीय संस्थाओं के पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति तथा निजी विवि नियामक आयोग द्वारा जो फीस निर्धारित की गई है उस शुक की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की आय सीमा तीन लाख रुपए से बढ़ाकर छह लाख रुपए तक किए जाने को अनुमोदन प्रदान किया।
Created On :   20 Dec 2017 5:38 PM IST