प्रभारी मंत्री ने ली सूखा एवं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक, दिए आवश्यक निर्देश

Minister held meeting of Drought and Disaster Management Committee
प्रभारी मंत्री ने ली सूखा एवं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक, दिए आवश्यक निर्देश
प्रभारी मंत्री ने ली सूखा एवं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक, दिए आवश्यक निर्देश

डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर। जिले के किसानों को आगामी रबी सीजन में कम पानी की फसलें लेने के लिए जागरूक किया जाए। गेंहूं की असंचित प्रजातियां लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। चना, मसूर और सरसों की बोवनी करने की किसानों को सलाह दी जाए। यह बात जिले के प्रवास पर आए प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह ने नगर परिषद तेंदूखेड़ा के सभाकक्ष में जिला स्तरीय सूखा एवं आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कही। साथ ही वर्षा की स्थिति, फसलों की स्थिति, सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता और पेयजल व्यवस्था आदि की समीक्षा बैठक में की।

बैठक में प्रभारी मंत्री ने कहा कि आगामी महीनों की आवश्यकताओं को देखते हुए पेयजल व्यवस्था के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। जिससे भविष्य में ग्रामीण आबादी को पेयजल की दिक्कत न हो। उन्होंने जल संचय के लिए बहते नदी- नालों को रोकने के लिए गांव-गांव में बोरी बंधान बनाने के निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों को सूचित किया जाए, जिससे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्रभावित किसानों को मिल सके।उन्होंने राजस्व और कृषि विभाग को संयुक्त रूप से सर्वे करने के निर्देश दिए। फसल कटाई प्रयोग का कार्य शीघ्रता से किया जाए। 

पानी की कमी का फसलों पर असर
जिले में इस वर्ष अब तक 660 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इस अवधि में सामान्य वर्षा का आंकड़ा 1073 मिलीमीटर है। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 413 मिलीमीटर कम वर्षा हुई है, जिसका फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। जिला सूखा मैन्युअल के अनुसार न्यून श्रेणी में है। जल भंडारण में 70 से 80 प्रतिशत की कमी है। गौरतलब है कि मौसम की इस स्थिति के चलते जिले में सोयाबीन की फसल पीला मोजेक के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। कम वर्षा के कारण उड़द, धान और गन्ने की फसल को भी क्षति है। 

यह है बोवनी का रकबा
कृषि विभाग के मुताबिक इस वर्ष खरीफ सीजन में 55 हजार 676 किसानों का फसल बीमा किया गया है। इस वर्ष खरीफ मौसम में एक लाख 89 हजार 200 हेक्टर में बोवनी हुई है, जिसमें धान 46 हजार 500 हेक्टर में, अरहर 62 हजार 500 हेक्टर में, मूंग 8 हजार 500 हेक्टर में, उड़द 31 हजार 500 हेक्टर में, सोयाबीन 32 हजार 500 हेक्टर में और अन्य फसलें 7 हजार 700 हेक्टर में बोई गई हैं।
 

Created On :   19 Sep 2017 7:27 AM GMT

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