खनन माफियाओं ने मोड़ दी महानदी की धार-विधायक पुत्र ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाईं

MLA son is not following any rule of NGT in Sand excavation
खनन माफियाओं ने मोड़ दी महानदी की धार-विधायक पुत्र ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाईं
खनन माफियाओं ने मोड़ दी महानदी की धार-विधायक पुत्र ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाईं

भास्कर न्यूज, कटनी । पिता मोती कश्यप के विधायक व पूर्व मंत्री होने और उनके रुतबे ने अब्बू कश्यप की इतनी पावर बढ़ा दी कि उसने एनएजीटी के नियम तक दरकिनार कर दिये। महानदी से आसानी से रेत निकाली जा सके इसके लिये रेत माफियाओं ने महानदी की जल धार तक मोड़ दी। माफियाओं द्वारा ऐसा किये जाने से नदी का ईको सिस्टम तो प्रभावित हुआ ही, जलीय जीवों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। यह नजारा बड़वारा जनपद अंतर्गत करूवाकॉप, सकरीगढ़, गणेशपुर और गुड़ाखुर्द घाट पर आसानी से देखा जा सकता है। इन जगहों पर नदी में मशीन के जरिये गहराई तक रेत के दोहन के कारण आसपास के कई गांवों का भू-जलस्तर गिर गया है। जलस्तर गिरने के कारण फसलें सूख रही हैं। इसी से आक्रोशित हो ग्रामीणों ने गुरुवार को गुड़ाखुर्द घाट पर धावा बोलते हुए पोकलेन मशीन आदि जब्त कर ली थीं और रेत के उत्खनन पर रोक लगा दी थी। ग्रामीणों ने महानदी से रेत के अंधाधुंध दोहन के लिए बड़वारा विधायक मोती कश्यप के पुत्र अब्बू कश्यप और जबलपुर पश्चिम से कांग्रेस विधायक तरुण भानोत को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों जनप्रतिनिधि रेत का अवैध उत्खनन कर महानदी का अस्तित्व मिटाने पर तुल गए हैं।
तीन साल से खनन, नदी में उतारते हैं पोकलेन व हाइवा
ग्रामीणों ने बताया कि सकरीगढ़, करुवाकॉप, गुड़ाखुर्द, गणेशपुर सहित अन्य स्थानों पर विधायक तरुण भानोत द्वारा रेत की निकासी और परिवहन का काम तीन साल से किया जा रहा है। यह कार्य श्रीकांत शुक्ल की देखरेख में चलाया गया ।
4 मीटर तक खिसका जलस्तर, रोजाना 150 हाइवा रेत का परिवहन-
गुड़ाखुर्द के संजय सिंह, अनिल सिंह, राजीव ने बताया कि महानदी से रोजाना सौ से डेढ़ सौ हाइवा रेत निकाली जा रही है। इसी तरह नदी में जगह-जगह रेत निकासी कर एलएनटी कंपनी को आपूर्ति की जा रही है। खननकारियों की करतूत के चलते आसपास के गांवों का जलस्तर 4 मीटर तक खिसक गया है। इस मामले में पीएचई के कार्यपालन यंत्री ई.एस. बघेल से बात की तो उनका कहना रहा कि जागरुकता के अभाव में जल संचय नहीं हो रहा है। जिले के अलग-अलग ब्लॉकों की स्थिति अलग है। कई तरीकों से जल का दोहन किया जा रहा है, जिसके कारण जलस्तर नीचे खिसक रहा है।
ओवरलोडिंग पर रोक नहीं-
 रेत के कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि एक हाइवा में 16 घनमीटर यानि 27 टन रेत भरी जाती है। खनन माफिया सरकारी तंत्र से मिलकर 35 से 40 टन रेत वाहनों में भर रहे है। आप नेता सुनील मिश्रा ने बताया कि करुवाकॉप में आज भी रेत निकासी का रैंप बना हुआ है। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पोकलेन व हाइवा नदी में उतारी जा रही है।
इनका कहना है
अवैध खनन पर लगातार कार्रवाई जारी है। एनजीटी के मानक को पूरा न करने वाले खदानों की जांच कराई जा रही है।
दीपमाला तिवारी, उप संचालक खनिज विभाग

 

Created On :   13 Jan 2018 4:09 PM IST

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