- Dainik Bhaskar Hindi
- City
- MLC will be online - Police and Health departments will join networking
दैनिक भास्कर हिंदी: ऑनलाइन होगी एमएलसी - पुलिस और स्वास्थ्य विभाग जुड़ेंगे नेटवर्किंग से

डिजिटल डेस्क दमोह । शासकीय अस्पतालों में अब एमएलसी और प्री- एमएलसी ऑनलाइन होगी ।एमएलसी से संबंधित डॉ के डिजिटल सिग्नेचर होंगे ।ऑनलाइन एमएलसी होने के बाद में इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी ।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्वास्थय विभाग द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस नई व्यवस्था से आपस में सीसीटीएनएस से जुड़ जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग को अपना ऐप लॉगइन और आईडी बनाना होगा इसके लिए दमोह के डॉ प्रेम शंकर धगट जिला अस्पताल में तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ऑनलाइन एमएलसी के लिए विभाग को पर्याप्त संख्या में कंप्यूटर खरीदने होंगे ।नेटवर्किंग का काम बीएसएनएल को दिया जाएगा ।विभाग के स्टाफ के पास टेक्नोलॉजी और ज्ञान भी है। सिर्फ सिस्टम की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बजट है ।ऑनलाइन एमएलसी के लिए जिला अस्पताल पुलिस के क्राइम क्रिमिनल एंड ट्रैकिंग एंड नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जुड़ेंगे लेकिन इसका अलग सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा ।
सॉफ्टवेयर में अलग-अलग प्रोफार्मा लोड होंगे
सॉफ्टवेयर में अलग-अलग प्रोफार्मा लोड होंगे जिसमें दुर्घटना, घटना ,फरियादी ,घायल आदि की जानकारी भरने के लिए कालम होंगे ।जिसमें पुलिस की सूचना पर दुर्घटना ,घटना के बाद घायल को थाना क्षेत्र में आने वाले शासकीय अस्पताल जाने पर वहां उपस्थित डॉक्टर एमएलसी फार्म में पूरी जानकारी भरेंगे और डिजिटल सिग्नेचर करेंगे। अगर हमले में व्यक्ति घायल हुआ है तो फार्म में घायल की पूरी जानकारी स्थिति अंकित की जाएगी ।इसके बाद संबंधित थाना पुलिस ऑनलाइन एमएलसी देख कर उसके आधार पर आईपीसी की धारा के तहत अपराध दर्ज करेगी। अगर हत्या तो 302, हत्या का प्रयास तो 307 या दुर्घटना में साधारण चोट है तो उस अनुसार धाराओं के तहत अपराध दर्ज करेगी ।ऑनलाइन एमएलसी या प्री- एमएलसी होने के कारण बाद में कोई भी इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे। कई बार इस तरह के मामले सामने आते हैं कि एमएलसी में गंभीर चोट दर्शा दी जाती है जिस पर पुलिस आईपीसी की धारा जो गंभीर मामलों में लगाई जाती है उस पर अपराध दर्ज कर लेती है लेकिन बाद में मिलीभगत कर एमएलसी में विवेचना के दौरान जब पुलिस न्यायालय में चालान पेश करती है तो इससे पहले संबंधित अस्पताल से घटना से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट की डिटेल एमएलसी लेती है लेकिन एमएलसी में घटना कुछ बताई जाती है और डिटेल रिपोर्ट की कहानी कुछ अलग ही कहती है। इस तरह फरियादी और अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों के माध्यम से एमएलसी में छेड़छाड़ करना आसान है।
पुलिस पर कसेगा शिकंजा
अब तक गंभीर अपराधों में विवेचक द्वारा जांच के दौरान घटना से संबंधित विवरण के कई दिनों तक पर्ची नहीं काटे जाते थे लेकिन अब नहीं होगा ऐसा अगर किसी थाना क्षेत्र में हत्या हुई है और विवेचक समय से जांच नहीं कर रहा है तो वरिष्ठ अधिकारी सीधे ऑनलाइन सुपर विजन कर भी जांच के संबंध में जवाब ले सकेंगे ।इससे पुलिस की कार्यवाही भी पूरी तरह पारदर्शी होगी ।
एमएलसी गलत तो कोर्ट जाओ
अगर घटना के बाद होने वाली एमएलसी को कोई चैलेंज कर गलत बताता है तो इसका निर्णय कोर्ट में होगा । कोर्ट में याचिका दायर करना होगी कोर्ट अस्पताल से घटना की जानकारी लेगा और सुनवाई के बाद तय करेगा कि एमएलसी सही है या गलत । कोर्ट एमएलसी पर डिजिटल सिग्नेचर करने वाले डॉक्टर को तलब करेगा क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट पर तत्कालीन उपस्थित डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं ऐसे में एमएलसी को गलत साबित करना मुश्किल होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑनलाइन एमएलसी के लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस के सीसीटीएनएस जुड़ेगा लेकिन उसका सॉफ्टवेयर लॉगइन और आई डी अलग होगी और अलग से एप बनाया जाएगा।लॉगइन और आईडी अस्पताल कर्मियों के साथ ही पुलिस थानों और अधिकारियों के पास रहेगी। कहीं भी दुर्घटना होने वाले आईडी से खुलने पर यह पता चल जाएगा कि संबंधित थाना क्षेत्र में कौन सा अस्पताल आता है ।इसके बाद 108 या अन्य वाहन से घायल को अस्पताल भेजा जाएगा।
इनका कहना है
शासकीय अस्पतालों में ऑनलाइन के लिए निर्देशों के तहत शीघ्र ही कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। शासन स्तर पर जो भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी या कराने के निर्देश मिलेंगे उसके तहत कार्यवाही होगी ।
आरके बजाज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: पति ने की पत्नी की हत्या - शराब पीने के ऊपर से हुआ विवाद , आरोपी गिरफ्तार
दैनिक भास्कर हिंदी: शराबी पिता ने 4 माह के मासूम की जमीन पर पटकर कर दी हत्या, पत्नी से हुआ था विवाद
दैनिक भास्कर हिंदी: दमोह : खदान में डूबने से चार बच्चों की मौत, शव नहीं हुए बरामद
दैनिक भास्कर हिंदी: आग का गोला बन गया सड़क पर दौड़ता ट्रक, ड्रायवर ने कूदकर जान बचाई
दैनिक भास्कर हिंदी: दमोह : मां के उम्र की महिला को लेडी दारोगा ने पीटा