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Damoh News: अस्पताल धर्मार्थ लेकिन एक मरीज के नाम पर तीन जगह से लेते थे लाभ

- आयोग का मिशन अस्पताल और डॉ. अजय लाल को लेकर बड़ा खुलासा
- मरीज से फीस वसूलते फिर आयुष्मान कार्ड का लाभ लेते उसके बाद विदेशों से फंड भी बुलवा लेते थे
Damoh News: धर्मार्थ घोषित ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित मिशन अस्पताल में भर्ती गरीब मरीजों के इलाज के नाम पर विदेशों से दान के रूप में मोटी रकम बुलवाई जाती थी। अस्पताल धर्मार्थ था लेकिन गरीब मरीज से शुल्क वसूला जाता था और उसके आयुष्मान कार्ड के जरिए सरकार से भी इलाज की राशि के भुगतान का दावा कर लिया जाता था। इस तरह, डॉ. अजय लाल तिहरा लाभ अर्जित कर रहे थे।
यह खुलासा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीती एक जुलाई को शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में किया है। साथ ही जांच के निष्कर्षों के आधार पर आयोग ने मुख्य सचिव सहित डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वह डॉ. अजय लाल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, चिकित्सा लापरवाही, कदाचार तथा धन की हेराफेरी से संबंधित आरोपों सहित प्रासंगिक आपराधिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करें। आयोग ने सरकारी और विदेशी निधियों के दुरुपयोग के मामले में ईओडब्ल्यू से जांच कराए जाने की भी अनुशंसा की है।
फर्जी बिल तक बनाए
मिशन अस्पताल में हुई 7 हार्ट पेशेंट्स की मौत के मामले कीं जांच करने आए आयोग के सदस्यों ने केंद्र प्रायोजित आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में गंभीर अनियमितताएं की जाना भी पाया। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के लिए फर्जी बिल जारी करके योजना का व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग किए जाने के साक्ष्य भी आयोग को मिले।
मरीजों के कई परिजनों ने पूछताछ में जांच टीम को यह भी बताया कि यहां अधिक पैसे वसूलने का एक खास पैटर्न रहा है। खासकर एंजियोग्राफी को उच्च लागत वाली प्रक्रिया बताकर 2 लाख 15 हजार रुपए से 2 लाख 80 रुपए तक का भुगतान करने मरीजों के परिजनों को मजबूर किया गया। मरीज को भर्ती करते समय ही आयुष्मान भारत कार्ड ले लिया जाता था। अधिकांश को पैसा वापस नहीं दिया।
जिन्हें वापस किया भी तो बहुत कम। टीम ने पड़ताल में यह भी पाया कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों से सर्जरी और डायग्नोस्टिक जैसी उन सेवाओं का भी शुल्क लिया गया जो पूरी तरह से योजनांंतर्गत शामिल थीं। यही नहीं मरीजों से वसूले गए शुल्क को बाद में गलत तरीके से अस्पताल प्रबंधन द्वारा पेश किया गया।
यह अनियमितता तो कलेक्टर ने भी पकड़ी थी
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दमोह कलेक्टर द्वारा 26 अप्रैल को कराई गई जांच में भी कई मरीजों के भर्ती के समय आयुष्मान कार्ड जमा कराने, उनसे राशि वसूलने की बात सामने आई थी। जांच में यह भी पाया गया था कि आरोपित डॉ. अजय लाल मिशन अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के नाम पर कथित तौर पर विदेश से धन एकत्र कर रहा था। सरकारी और विदेशी निधियों के दुरुपयोग के भी प्रमाण मिले थे।
तिहरे लाभ के भी प्रमाण मिले : जांच के आयोग के संज्ञान में यह बात भी आई थी कि डॉ. अजय लाल पुत्र स्वर्गीय विजय लाल ने अस्पताल चलाने के लिए कथित अवैध विदेशी दान प्राप्त किया है। आयुष्मान कैश कार्ड वाले रोगियों के उपचार में भी विदेशी दान प्राप्त किया गया। हार्ट स्टेंट जिसे रिंग या आम बोलचाल भाषा में छल्ला कहा जाता है, की कीमत 2011 से 22 हजार 500 रुपए निर्धारित है।मिशन अस्पताल में एंजियोग्राफी के बाद स्टेंट ही डाले जाते थे। लेकिन स्टेंट के लाखों रुपए वसूले गए। सक्षम मरीजों से पूरा पैसा लिया गया, आयुष्मान कार्ड जमा कराए गए और उन्हें गरीब बताकर विदेशों से भी पैसा लिया गया।
Created On :   5 July 2025 5:42 PM IST