श्रम कल्याण विभाग में कानून का बना मजाक, छुट्टी के दिन भी मजदूरों से लिया जा रहा 18 घंटे से ज्यादा काम

Mockery of the law in Labor Welfare Department
श्रम कल्याण विभाग में कानून का बना मजाक, छुट्टी के दिन भी मजदूरों से लिया जा रहा 18 घंटे से ज्यादा काम
श्रम कल्याण विभाग में कानून का बना मजाक, छुट्टी के दिन भी मजदूरों से लिया जा रहा 18 घंटे से ज्यादा काम

डिजिटल डेस्क, भोपाल। MP के श्रमिकों को उनके हितों और कल्याण का पाठ पढ़ाने वाले भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में श्रम कानूनों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं है। राजधानी के महाराणा प्रताप नगर स्थित भवन की तीसरी मंजिल की छत पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण संबंधी तमाम नियमों को दरकिनार कर दिया है। निर्माणाधीन हॉल को फायर प्रूफ और एयर प्रूफ बनाया जा सके इसके लिए छुट्टी के दिन भी मजदूर 18 घंटे से ज्यादा लगातार काम कर रहे हैं।

इस स्थिति के चलते करीब आधा दर्जन श्रमिकों को सार्वजनिक अवकाश के दौरान गणेश चतुर्थी के अवसर पर भी काम में जुटाया गया। विभाग के एक अधिकारी की सूचना के बाद भास्कर टीम ने शुक्रवार दोपहर 3.15 बजे निर्माणाधीन स्थल की तस्वीरें कैमरे में कैद की। यहां दिनरात कार्यालय में काम कराने के फलस्वरूप कार्यालय को चौकीदार थक हारकर कार्यालय के रिसेप्शन पर सोता पाया गया। दफ्तर के भीतर के दरवाजे खुले हुए थे।

इस दौरान यहां छत पर हॉल के निर्माण में जुटे करीब 6 श्रमिक कान्फ्रेंस हाल का निर्माण करने जुटे हुए थे। यहां काम में जुटे सुपरवाईजर धनसिंह विश्वकर्मा नामक ने बताया कि संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल ने निर्माण का ठेका एमकेडी इंटरप्राइजेज नामक एक कंपनी को दिया गया जो खुद काम करने के बजाए पेटी कांटें्रक्ट पर अन्य श्रमिकों से यह काम पूरा करवा रही है। धनसिंह ने बताया यहां सुबह से लेकर रात 12 बजे तक श्रमिकों से जबरिया काम कराया जा रहा है। छुट्टी के दिन इसी वजह से दफ्तर खुला है।

बिजली करंट के बीच नंगे हाथों से काम

निर्माणाधीन शेड में टीन के शेड के भीतर सीमेंट और फायरप्रूफ मटेरियल से दीवारे और छत ढंकी जा रही थी। इन्हीं के बीच से अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा रहा था। बिजली के खुले तारों को मजदूर नंगे हाथों से छू रहे थे। निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों को सुरक्षा के कोई संसाधन मुहैया नहीं कराए गए।

क्या कहता है श्रम कानून ?

  • 1. यदि मालिक ठेकेदार के जरिए मजदूरों को काम पर रखता है, तो मालिक को पंजीकृत होना चाहिए।
  • 2. यदि कोई ठेकेदार 20 या इससे अधिक मजदूर किसी मालिक को देता है तो उसे सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
  • 3. काम करने वाले (मजदूरों) के छ: साल से छोटे बच्चों के लिए ठेकेदार को कम से कम दो कमरे अवश्य देने चाहिए। एक कमरा खेलने के लिए और दूसरा सोने के लिए।
  • 4. पानी, पर्याप्त संख्या में शौचालय और मूत्रालय, धोने के लिए सुविधाएं और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं।
  • 5. तीन माह तक चलने वाले काम में आराम की सुविधाएं।
  • 6. मजदूरी नगद और बिना कटौती के मिलना चाहिए,
  • 7. मालिक ठेके के मजदूरों से केवल उतने घंटे काम करा सकता है, जितने घंटे उसके कर्मचारी उसी तरह का काम करते हैं।
  • 8. शिकायत दर्ज होने पर आरोपी को 6 माह से एक साल की सजा और पांच हजार से दस हजार तक जुर्माने का प्रावधान।

(नोट: ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम 1970 के तहत प्रावधान)

सीधी-बात

एसएस दीक्षित, लेबर कमिश्नर

  • सवाल: क्या कॉन्फ्रेंस हाल निर्माण की अनुमति ली गई है?
  • जवाब: यह कोई पक्का निर्माण कार्य नहीं है, इसी वजह से कोई अनुमति नहीं ली गई है। यह तो एक छोटा सा शेड बनाया जा रहा है।
  • सवाल: छुट्टी के दिन भी मजदूरों से देर रात तक काम लिया जा रहा है?
  • जवाब: मैं जबलपुर में हूं, वापस आने के बाद ही जवाब दे सकूंगा।
  • सवाल: जोखिम भरा काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए?
  • जवाब: सभी सवालों के जवाब में आने के बाद ही दे सकूंगा, फिलहाल में जबलपुर में हूं।

Created On :   26 Aug 2017 4:44 PM IST

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