रिकार्ड बनाने जो 6 लाख पौधे रोपे उनका अता पता नहीं, नर्मदा बेसिन में चली था मुहिम

More than two lac plants died amongst planted six lac plants
रिकार्ड बनाने जो 6 लाख पौधे रोपे उनका अता पता नहीं, नर्मदा बेसिन में चली था मुहिम
रिकार्ड बनाने जो 6 लाख पौधे रोपे उनका अता पता नहीं, नर्मदा बेसिन में चली था मुहिम

डिजिटल डेस्क, कटनी। अब इनमें से कितने पौधे सुरक्षित हैं, इसका हिसाब जिम्मेदार विभागों के पास भी नहीं है। सूत्रों के अनुसार इनमें से 80 प्रतिशत पौधे सूख चुके हैं और जिस स्थान से पौधरोपण की शुरूआत की थी वहीं के पौधे नहीं बचे।

रोपे गए थे 639203 पौधे
दो जुलाई 2017 को पूरे प्रदेश में नर्मदा बेसिन में पौधों का रोपण किया गया था। जिसमें एक दिन में सर्वाधिक पौधे रोपने का विश्व रिकार्ड भी बना था। इस विश्व रिकार्ड में कटनी जिले में 639203 पौधे रोप कर सहभागिता दर्ज की थी। शासकीय रिकार्ड के अनुसार इनमें से 450554 पौधों के जीवित होने के दावे किए गए। प्रशासन ने भी एक लाख 88649 पौधे सूखने या बर्बाद होना स्वीकार किया। जबकि हकीकत इससे उलट है। जिले के ढीमरखेड़ा ब्लाक स्थित भारत के केन्द्र बिन्दु करौंदी में कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। जिसमें तत्कालीन राज्य मंत्री ललिता यादव मुख्य अतिथी थीं। वहीं गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से बनाए गए आई विटनेस भी उपस्थित थे।

अब तो ठूंठ भी नहीं बचे
जानकारी के अनुसार भारत के केन्द्र बिन्दु करौंदी में तीन सौ और क्षेत्र में तीन हजार पौधों का रोपण किया गया था। अब इन स्थानों में ठूंठ  भी नहीं बचे हैं। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 240140 पौधों का रोपण किया गया था। इनमें से कितने पौधे सुरक्षित हैं, इसकी जानकारी जनपद पंचायत के अधिकारियों को भी नहीं है। पहले साल ही बारिश बाद की गई गणना में एक लाख 70 हजार पौधों के जीवित होना का दावा किया था। 

यह हैं प्रशासन के दावे
नर्मदा बेसिन में किए पौधरोपण की जो रिपोर्ट प्रशासन द्वारा भोपाल भेजी गई थी, उसके अनुसार उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसानों ने बहोरीबंद ब्लाक में 3381, ढीमरखेड़ा में 2969 पौधे रोपे थे। इनमें से कितने बचे हैं, इसकी जानकारी उद्यानिकी विभाग के ही पास नहीं है। जनपद पंचायत बहोरीबंद की ग्राम पंचायतों में 196862 पौधे लगाए थे, इनमें से 100399 पौधे सुरक्षित होने के दावे किए हैं। ढीमरखेड़ा ब्लाक में 240140 पौधों में से 171503 पौधे सुरक्षित बताए हैं। यहां किसानों ने 51 फलदार पौधे भी रोपित किए थे। वन विभाग ने बहोरीबंद एवं ढीमरखेड़ा ब्लाकों में 160135 पौधे रोपित किए थे। इनमें से 153729 पौधे सुरक्षित होने की रिपोर्ट शासन को दी है। वन विभाग के सहयोग से किसानों ने 17155 फलदार पौधे रोपित किए थे। मप्र जन अभियान परिषद द्वारा बहोरीबंद ब्लाक में 12930 में से 8110 एवं ढीमरखेड़ा ब्लाक में 21886 में से 9563 पौधे जीवित होने का दावा किया है।

आंगनवाड़ियों में चला था विशेष अभियान
जबलपुर कमिश्नर ने 2018 में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में नीम और मुनगा के पौधों का रोपण करने विशेष अभियान शुरू किया था। जिसमें जिले के1712 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 65372 पौधों का रोपण किया गया था। महिला बाल विकास विभाग ने इनमें से 72 प्रतिशत अर्थात 45 हजार पौधे जीवित होने का दावा किया है। हालांकि यहां भी आंकड़े कागजी ही हैं। क्योंकि शहरी क्षेत्र के ज्यादातर आंगनवाड़ी केन्द्रों में तो पौधरोपण के लिए स्थान ही नहीं  है।
 

Created On :   5 Jun 2019 2:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story