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सरकार ने विशषज्ञों की एक कमिटी भी बनाई है, जो नर्मदा नदी के जैविक पर्यावरण को हो रहे नुकसान का आंकलन कर इन्हें रोकने की दिशा में सिफारिश करेगी. माना जा रहा है कि एमपी सरकार का यह कदम पीएम नरेंद्र मोदी की उस चिंता को देखते हुए उठाया गया है, जिसमें उन्होंने नदियों के पर्यावरण को हो रहे नुक्सान पर चिंता जताई थी.
सरकार की विशेषज्ञ कमिटी में IIT खड़गपुर के विशेषज्ञ शामिल होंगे. एमपी के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ल इसके अध्यक्ष होंगे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहाँ यह जानकारी दी. उन्होंने बताया की कमिटी की रिपोर्ट आने तक नर्मदा नदी में रेट खनन पर रोक लगी रहेगी.
कमिटी का काम वैज्ञानिक दृष्टि से पूरी परिस्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने का होगा. चौहान ने बताया कि अगर किसी को भी मशीन से रेट खनन करते हुए पाया जायेगा तो मशीन को ज़ब्त कर लिया जायेगा.
इस बीच एमपी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बारिश से ठीक पहले रेट खनन पर रोक, उन रेट माफियाओं को रेट कि कालाबाज़ारी करने को उकसाएगी, जिन्होंने पहले से ही भरी मात्रा में रेट जमा कर रखी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में रेट के अवैध खनन को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है.
]]>Created On :   22 May 2017 3:26 PM IST