MP: प्रदेश में दिव्यांगजनों को यूनिक कार्ड देने में लेटलतीफी

MP: negligence in giving unique cards to the divyangs in the state
MP: प्रदेश में दिव्यांगजनों को यूनिक कार्ड देने में लेटलतीफी
MP: प्रदेश में दिव्यांगजनों को यूनिक कार्ड देने में लेटलतीफी

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश में दिव्यांगजनों को ऑनलाइन माध्यम से यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड देने में जिला कार्यालयों द्वारा जमकर लेटलतीफी की जा रही है। हालात ये हैं कि 5 लाख 43 हजार 884 आवेदनों में से मात्र 2 लाख 3 हजार 478 दिव्यांगजनों के ही यूनिट कार्ड जेनरेट किए गए। जिसका प्रतिशत 37.41 है।

 

राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा सभी संयुक्त/उप संचालक सामाजिक न्याय  से कहा है कि ऐसे दिव्यांगजनों का पंजीयन यूडीआईडी पोर्टल पर किया जाकर उनके यूनिक कार्ड व नवीन नि:शक्तता प्रमाण-पत्र जनरेट किए जाएं ताकि एक ही व्यक्ति को बार-बार नि:शक्तता प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्रवाई से बचा जा सके।

राज्य सरकार ने यह भी बताया है कि भारत सरकार के यूडीआईडी पोर्टल से यूडीआईडी कार्ड जनरेट करने एवं नवीन नि:शक्तता प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्रवाई के लिए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक को अधिकृत किया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पूर्व में प्रदेश के समस्त नि:शक्तजनों को यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड जनरेट करने की समय-सीमा 30 जून,2017 निर्धारित की थी,लेकिन आज की स्थिति में सिर्फ 37.41 प्रतिशत कार्ड ही जनरेट किए जा सके हैं। 

सामाजिक न्याय उप संचालक संध्या आयंगर का कहना है कि दिव्यांगजनों के यूनिक कार्ड कम जनरेट होने पर जिलों को राज्य शासन ने लिखा है ताकि वे सभी आवेदकों को यूनिक कार्ड मिल जाएं।

 

Created On :   28 Feb 2018 3:09 PM IST

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