MSW कर्मचारियों ने फिर की हड़ताल, पूरे शहर में फैला रहा कचरा

MSW employees strike again in katni city against govt
MSW कर्मचारियों ने फिर की हड़ताल, पूरे शहर में फैला रहा कचरा
MSW कर्मचारियों ने फिर की हड़ताल, पूरे शहर में फैला रहा कचरा

डिजिटल डेस्क कटनी । डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम बुधवार- गंरूवार को एक बार फिर ठप हो गया। लोग कचरा इक_ा कर इंतजार करते रह गए और कचरा वाहन नहीं पहुंचा। क्योंकि बुधवार को फिर से कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी एमएसडब्ल्यू प्रा.लि. के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। कचरा संग्रहण एजेंसी नगर निगम के गले की फांस बन गई है। भुगतान को लेकर ऐसा पेंच फंसा है कि लेखा अधिकारी के निलंबन के बाद भी सुलझता नजर नहीं आ रहा है। भुगतान को लेकर एमएसडब्ल्यू के कर्मचारियों ने एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार हड़ताल कर दी। इस हड़ताल से एक बार फिर शहर गंदगी से बजबजा उठा।  जानकारी के अनुसार एमएसडब्ल्यू को मई माह से भुगतान नहीं किया गया है।  बताया गया है कि एमएसडब्ल्यू ने पूरा काम किया नहीं और भुगतान शत-प्रतिशत चाहते हैं। पूरा भुगतान पाने के लिए हड़ताल का सहारा लिया जा रहा है। नगर निगम के उपायुक्त की रिपोर्ट एमएसडब्ल्यू के भुगतान पर सबसे बड़ा अडंग़ा मानी जा रही है। बताया जाता है कि मेयर 30 से 35 प्रतिशत कटौती के पक्षधर हैं लेकिन एमएसडब्ल्यू का प्रबंधन बिना कटौती भुगतान चाहता है।
वाहनों के गैरेज में लगाया ताला-
एमएसडब्ल्यू प्रा.लि. प्रबंधन ने कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों के गैरेज के गेट पर ताला जड़ दिया। जिससे घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। लोग इंतजार ही करते रह गए पर कचरा वाहन नहीं पहुंचा। लोगों ने घरों का कचरा जहां-तहां रखे डस्टबिन में डालना शुरू कर दिया और सुबह ही पूरे शहर में कचरा के ढेर लग गए। एमएसडब्ल्यू प्रा.लि. की कार्यप्रणाली को लेकर शहर के लोगों में जमकर असंतोष है और लोग नगर निगम को कोसने से भी पीछे नहीं हैं।
उपायुक्त ने गिनाई थी खामियां-
जानकारी के अनुसार नगर निगम के उपायुक्त असफाक परवेज कुरैशी ने निगमायुक्त के निर्देश पर एमएसडब्ल्यू के कामकाज की जांच कर दो पेज का प्रतिवेदन सौंपा था। जिसमें शर्तों का उल्लंघन का खुलासा हुआ है। इस प्रतिवेदन में ढेरों कमियां गिनाई थीं। प्रतिवेदन के अनुसार मार्च माह में 78 प्रतिशत व अप्रेल में 79 प्रतिशत घरों से से कचरा संग्रह किया गया था। गीले एवं सूखे कचरा को सोर्स स्तर पर पृथक नहीं किया गया। वजन बढ़ाने कचरा गाड़ी से नालों की शिल्ट ढोई गई। उपायुक्त ने शिल्ट का भुगतान नहीं करना प्रतिवेदित किया था। एमएसडब्ल्यू प्रा.लि. ने जागरूकता के लिए सघन प्रचार-प्रसार नहीं किया। टे्रचिंग ग्राउंड में कर्मचारियों के लिए निर्देशों के अनुसार शौचालय का निर्माण नहीं किया। कचरा संग्रहण में लगे कर्मचारियों को प्रोटेक्टिव क्लाथ नहीं देने, गाडिय़ों की नियमित सफाई नहीं होना, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं करना पाया गया था। गंध रोकने के लिए इकोजार्व स्प्रे करने के निर्देश दिए थे।

 

Created On :   25 Jan 2018 1:05 PM IST

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